Saturday, June 1, 2013

मोटरमैन की ड्यूटी पर मृत्यु

दिनांक - २ ३ मई २ ० १ ३  चेन्नई 

मनोहर मोटरमैन / चेन्नई दोपहर ० ३ .४ ० बजे के आस - गुम्मिदिपुंदी एम.एम.सि -यि.एम्य़ु लेकर जा रहे थे ।  एक सौ यात्री सवार  थे । अचानक उनकी तवियत ख़राब हो गयी । सर में चक्कर आने लगा  और वे कैब के अन्दर ही गिर पड़े । स्वचालित फ्लाषर बत्ती जलने लगी । विपरीत दिशा से एक लोकल आ रही  थी । उस मोटरमैन ने फ्लाषर बत्ती देख लोकल ट्रेन को रोक दी और अपने गार्ड के साथ , उस कैबिन को गएँ । 

मोटरमैन मनोहर की शारीरिक दशा ठीक नहीं थी । उन्हें तुरंत पेरम्बूर रेलवे अस्पताल को रेफर किया गया , जहाँ डॉक्टर मनोहर को मृत घोषित कर दिए  । मनोहर की उम्र ४ ८ वर्ष थी । पिछले दशक के दौरान यह तीसरी घटना है , जब मोटरमैन ड्यूटी में मृत घोषित किये गए । स्वचालित ब्रेक की वजह से सभी यात्रियों की जाने बच  गयी ।  मनोहर नेमिचेर्री के रहने वाले थे । 

इस दुखद दुःख  में आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन उनके परिवार के साथ है । 

इस तरह के घटनाओ के बढ़ने का मुख्य  कारण - काम के बढ़ते दबाव है । मोटरमैन और लोको पायलटो के  पदों का न  भरा जाना भी है । आज लोको पायलटो की हालत दयनीय होती जा रही है । आखिर ये सब कब तक चलता रहेगा ? 

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