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खगौल. माया कुमारी ने शनिवार को दानापुर व रघुनाथपुर के बीच पैसेंजर ट्रेन चला कर
दानापुर रेल मण्डल की पहली महिला रेल चालक होने का गौरव प्राप्त किया है। दानापुर
स्टेशन से 9 बजकर 50 मिनट पर खुलने वाली 63219 अप पैसेंजर गाड़ी पर माया
कुमारी हाथों मे वायरलेस फोन झंडी लेकर ट्रेन के ड्राइवर सीट पर बैठी तो वह मौजूद
यात्रियों को आश्चर्य का ठिकाना ना रहा।
दानापुर रेल मण्डल की पहली महिला रेल चालक होने का गौरव प्राप्त किया है। दानापुर
स्टेशन से 9 बजकर 50 मिनट पर खुलने वाली 63219 अप पैसेंजर गाड़ी पर माया
कुमारी हाथों मे वायरलेस फोन झंडी लेकर ट्रेन के ड्राइवर सीट पर बैठी तो वह मौजूद
यात्रियों को आश्चर्य का ठिकाना ना रहा।
साथ मे मौजूद लोको पायलट जगदीश ठाकुर द्वारा निर्देश देने के बाद माया सिग्नल होने का
इंतजार करने लगी। भास्कर संवाददाता से बातचीत में माया ने बताया कि उसे बचपन
से चुनौतीपूर्ण कार्य में दिलचस्पी थी। उन्होंने सबसे कठिन माने जाने वाली रेलवे ड्राइवर की
नौकरी करने की ठानी। आरआरबी रांची से माया को सहायक लोको पायलट के लिए सलेक्ट
किया गया। माया की इस कामयाबी में उसके पति शंभू राम ने अहम भूमिका निभाई।
शंभू धनबाद के माइनिंग फील्ड मे कार्यरत हैं।
बेटी का था सपना
माया बताती हैं कि उनकी 8 साल की बेटी प्रिया भारती का सपना था कि वे ड्राइवर की सीट
पर बैठें। बेटी कहती है माँ जब ट्रेन चलना तो हमको भी ले जाना, ताकि देख सकें कि कैसे
तेजी से ट्रेन चलाती है।माया को ट्रेन चलाते हुए देखने के लिए भीड़ इकट्ठा थी।
कुछ यात्रियों ने उनसे हाथ भी मिलाया और कुछ ने माया का ऑटोग्राफ भी लिया।
पर बैठें। बेटी कहती है माँ जब ट्रेन चलना तो हमको भी ले जाना, ताकि देख सकें कि कैसे
तेजी से ट्रेन चलाती है।माया को ट्रेन चलाते हुए देखने के लिए भीड़ इकट्ठा थी।
कुछ यात्रियों ने उनसे हाथ भी मिलाया और कुछ ने माया का ऑटोग्राफ भी लिया।
Source-bhaskar