Wednesday, March 12, 2014

दानापुर रेल मंडल की पहली महिला सहायक लोको पायलट माया ।





खगौल. माया कुमारी ने शनिवार को दानापुर व रघुनाथपुर के बीच पैसेंजर ट्रेन चला कर
दानापुर रेल मण्डल की पहली महिला रेल चालक होने का गौरव प्राप्त किया है। दानापुर
स्टेशन से 9 बजकर 50 मिनट पर खुलने वाली 63219 अप पैसेंजर गाड़ी पर माया
कुमारी हाथों मे वायरलेस फोन झंडी लेकर ट्रेन के ड्राइवर सीट पर बैठी तो वह मौजूद
यात्रियों को आश्चर्य का ठिकाना ना रहा।

साथ मे मौजूद लोको पायलट जगदीश ठाकुर द्वारा निर्देश देने के बाद माया सिग्नल होने का 
इंतजार करने लगी। भास्कर संवाददाता से बातचीत में माया ने बताया कि उसे बचपन 
से चुनौतीपूर्ण कार्य में दिलचस्पी थी। उन्होंने सबसे कठिन माने जाने वाली रेलवे ड्राइवर की 
नौकरी करने की ठानी। आरआरबी रांची से माया को सहायक लोको पायलट के लिए सलेक्ट
 किया गया। माया की इस कामयाबी में उसके पति शंभू राम ने अहम भूमिका निभाई। 
शंभू धनबाद के माइनिंग फील्ड मे कार्यरत हैं।

बेटी का था सपना

माया बताती हैं कि उनकी 8 साल की बेटी प्रिया भारती का सपना था कि वे ड्राइवर की सीट
पर बैठें। बेटी कहती है माँ जब ट्रेन चलना तो हमको भी ले जाना, ताकि देख सकें कि कैसे
तेजी से ट्रेन चलाती है।माया को ट्रेन चलाते हुए देखने के लिए भीड़ इकट्ठा थी।
कुछ यात्रियों ने उनसे हाथ भी मिलाया और कुछ ने माया का ऑटोग्राफ भी लिया।

Source-bhaskar

Monday, March 3, 2014

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज सातवें केन्‍द्रीय वेतन आयोग की रूपरेखा को 

मंजूरी दे दी। 

इस संबंध में वेतन, भत्‍तों और अन्‍य सुविधाओं को ध्‍यान में रखकर रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें औद्योगिक और अनौद्योगिक केन्‍द्रीय सरकार के कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मी, केंद्रशासित प्रदेशों के कर्मी, भारतीय लेखा एवं परीक्षण विभाग के अधिकारी एवं कर्मी, रिजर्व बैंक को छोड़कर संसद अधिनियम के तहत गठित नियामक संस्‍थाओं के सदस्‍यों तथा उच्‍चतम न्‍यायालय के अधिकारियों एवं कर्मियों को शामिल किया गया है। 

वेतन आयोग भत्‍तों, सुविधाओं एवं लाभों, नकदी या गैर-नकदी राशि के संबंध में सिद्धांतों की जांच एवं समीक्षा करेगा। इसके तहत सुरक्षा बलों के सेवानिवृत्‍त कर्मियों को मिलने वाले लाभों की समीक्षा भी की जाएगी। 

वेतन आयोग सरकारी सेवा के प्रति योग्‍य लोगों को आकृषित करने के लिए वेतन ढांचा भी तैयार करेगा। इसके अंर्तगत कुशलता, उत्‍तरदायित्‍व और कार्य के प्रति जिम्‍मेदारी बढ़ाने के उपायों पर भी विचार करेगा, ताकि लोकप्रशासन प्रणाली दुरूस्‍त हो सके। इसके तहत आधुनिक प्रशासन तथा तेजी से बदलते राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और प्रौद्योगिकी बदलावों की जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए उपाय भी किए जाऐंगे। 

मौजूदा बोनस योजना पर भी ध्‍यान दिया जायेगा और उसे कार्य-प्रदर्शन तथा उत्‍पादकता से जोड़ने पर बल दिया जायेगा। उत्‍पादकता और कार्य-प्रदर्शन की उत्‍कृष्‍टता के लिए प्रेरक योजना के बारे में वित्‍तीय मानदंड और शर्तें भी तैयार की जाऐंगी। 

सरकारी कर्मियों को इस समय जो विभिन्‍न भत्ते प्रदान किए जा रहे हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी और इस तरह का वेतन ढांचा तैयार किया जाएगा जिसमें इन्‍हें तर्कसंगत बनाने के उपायों पर विचार होगा। इसके अलावा पेंशन और अवकाश प्राप्‍त करने पर मिलने वाले लाभों के ढांचे पर भी विचार किया जायेगा। इसके तहत इन सिफारिशों के लागू होने के पहले की किसी तिथि पर जो कर्मचारी अवकाश प्राप्‍त करेगा, उसे भी इसके अंतर्गत शामिल किया गया है। इस संबंध में उल्‍लेखनीय है कि 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद नियुक्‍त होने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियो को नई पेंशन नीति के दायरे में रखा गया है। इनको मिलने वाले लाभों को उपरोक्‍त सिद्धांतों के तहत विचार के लिए तय किया गया है। 

आयोग अपने गठन की तिथि से 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें प्रदान करेगा। इसके निर्णय से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और अन्‍य कर्मचारियों को प्राप्‍त होने वाले वेतन और भत्‍तों से लाभ प्राप्‍त होगा। 

उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतनमान, सेवा निवृत्ति के लाभ और अन्‍य सेवा शर्तों संबंधी मुदृों पर विचार करने के लिए समय-समय पर गठित किया जाता है।
Source - pib
03.03.2014