Saturday, April 20, 2013

रेलवे में बायो -टॉयलेट्स के सपने जल्द साकार होंगे |




By S.N. Venkatnag Sobers in English. its an translation by me .

भारतीय रेलवे ने यह निश्चय कर  लिया है कि बहुत जल्द ही ट्रेनों में अत्याधुनिक माडल वाला बायो - टॉयलेट्स लगा दिए जायेंगे | रेलवे ने इस कार्य को अंजाम देने के लिए भारतीय सेना के डीआर.डी .ओ से मदद ली  है | पहले मल - मूत्र प्लेटफोर्म या ट्रेन के पटरियों पर गिरते थे और प्राकृतिक स्वक्षता को विकृत कर देते थे | प्लेटफोर्म दुर्गन्धपूर्ण हो जाते थे | अब बायो टॉयलेट के लगाये जाने के बाद यात्रियों को सफ़र में आनंद और रेलवे प्लेटफोर्म दुर्गन्ध रहित  प्राकृतिक वातावरण का संचार करेंगे | इस नए प्रणाली के माध्यम से वेस्ट को जीवाणु पानी और गैस में परिवर्तित कर देंगे , जो स्वास्थ्य और वातावरण  के लिए हितकर होंगे | 

रेलवे द्वारा बनायीं गयी संरक्षा कमिटी ने इस तरह के बायो - टॉयलेट को स्थापित करने के सुझाव दिए थे | रेलवे ने २०१२-१३ वर्ष के दौरान २५०० बायो - टायलेट लगाने का निर्णय लिया है | जब की इस तरह की कोई जानकारी पिछले रेल बजट में रेलवे मंत्री श्री पवन कुमार वंसल जी ने नहीं दी थी | लेकिन रेलवे का यह निर्णय धीरे - धीरे एक साकार रूप लेते नजर आ रहा है | दक्षिण - पश्चिम रेलवे ने इसे गंभीरता से लिया है | इस कार्य में मैसूर रेलवे स्टेशन को सर्वाधिक स्वक्छ  रेलवे की श्रेणी में गिना जा सकता है , जिसने साफ़ - सफाई को बहुत ही गंभीरता से ली है  | शुरुवाती तौर पर बायो - टॉयलेट को मैसूर और हुबली के बीच चलने वाली ट्रेनों में लगाया जायेगा और शीघ्र ही अन्य स्टेशनों  पर भी विस्तार इसका  किया जायेगा |

स्टार ऑफ़ मैसूर से बात- चित करते हुए - श्री यु . सुब्बा राव  मुख्य वर्कशॉप मैनेजर / मध्य रेलवे वर्कशॉप / मैसूर ने कहा की ' इस योजना को कार्यान्वित होने में  पुरे वर्ष लगेगे | हमें जैसे ही इसके आवश्यक सामग्री आई.सी.ऍफ़./ चेन्नई  से मिलने लगेगे , इसके कार्यान्वयन के प्रयास   शुरू  हो जायेंगे | आई.सी.ऍफ़./ चेन्नई को  बायो - टॉयलेट के आवश्यक सामग्री उपलव्ध कराने की जिम्मेदारी सौपी  गयी है |

भारतीय रेलवे ने बायो - टॉयलेट को प्रथम  परिक्षण के तौर पर कई ट्रेनों में सफलता पूर्वक इस्तेमाल कर रहा है | अब , इसे विभिन्न चरणों में सभी ट्रेनों में लगाया जायेगा |

श्री सुब्बाराव ने यह भी बताया की एक बायो - टॉयलेट की कीमत तकरीबन ३.५ लाख रुपये  है और शुरुवाती तौर पर १०० डिब्बो में इसे लगाया जायेगा | रेलवे के इस बायो - टॉयलेट के उपयोग के बाद हमारी यात्रा और भी सुखमय हो जाएगी | 

Wednesday, April 17, 2013

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएसन तथा आल इंडिया गार्ड काउन्सिल का रेलवे के यूनियन के मान्यता के चुनाव से बहिष्कार |


ज्वाइंट एक्शन कमेटी

सभी रेल कर्मचारी और साथियों , रनिंग स्टॉफ (गार्ड एवं लोको पायलट) के साथ साथ रेल्वे की यूनियन की मान्यता के चुनाव का बहिस्कार करें। क्यों कि कोई भी संगठन जो मान्यता के चुनाव मे खड़ा है वह मान्यता के चुनाव मे जीतकर आने के बाद भी कर्मचारियों के हित मे हड़ताल नही कर सकता। ऐसा रेल्वे ने इन से लिखकर ले लिया है। इसका विरोध चुनाव लड़ने वाले सभी संगठनों को करना चाहिये था, लेकिन इन्होने ऐसा नही किया। इसमे इनके मजदूर मसीहाओं का स्वार्थ है। साथियों वोट डालने से पहले कृपया निम्न बिंदुओं पर विचार करें: -
1.रेलवे  कर्मचारियों के सेफ्टी वी. आर. एस. स्कीम मे किसी भी रेल्वे कर्मचारी का बच्चा फिट नही बैठ रहा है, जिससे वह नौकरी मे नही लग पा रहा है। सेफ्टी कटेगरी सेफ्टी स्वेच्छा सेवानिवृत्ति के लिये शर्त लोकोपायलट उम्र 55 से 57 वर्ष एवं 33 साल की सेवा तथा अन्य के लिये उम्र 50 से 57 वर्ष एवं 20 साल की सेवा तथा ग्रेड  पे 1800 से 1900 ही होना चाहिये इससे ज्यादा नही। अभी मान्य दोनो संगठनो ने दोनो की शर्त एक जैसी क्यों नही करवायी?
 २. यूनियन की मान्यता के वोट लेने के लिये यह प्रलोभन दिया जा रहा है कि सभी रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जायेगी। यह संभव नही है क्यों कि दोनो संगठन ठेकेदारी प्रथा को रोक नही पा रहे है बल्कि ठेका मजदूर यूनियन चला रहे हैं।

3.     वाणिज्य (Commercial) विभाग मे रिजर्वेशन साधारण टिकिट का कार्य प्रायवेट एजेंटों को दिया जा रहा है। MOH, POH मे अधिकतर कार्य (रिपेयरिंग, असेंबली) ठेके पर दिये जा रहे हैं। रनिंग स्टॉफ के रनिंग रूम, CMS पर बुकिंग आदि कार्य ठेके पर दिये जा चुके हैं। इंजीनियरिंग के कार्य, सफाई कार्य, पेंट्रीकार, एस. एल. आर. सभी ठेके पर चल रहे हैं।

4.     रनिंग कर्मचारी विरोधी RAC-2002 की रिपोर्ट दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बनाई गई थी जो रनिंग स्टॉफ की एकता एवं जबर्दस्त विरोध के कारण लागू नही हो पायी।

5.     माइलेज का फार्मूला 6 वें वेतन आयोग के बाद दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से समाप्त करने की साजिश रची गई तथा माइलेज सिर्फ दो गुना किया गया जब कि यात्रा भत्ता मे तीन गुने से भी ज्यादा की वृद्धि हुई।

6.     दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो की वजह से 30% वेतन तत्व खत्म करने की साजिश रची गई।

7.     दिनांक 25.03.2013 को एक नयी रनिंग एलाउंस कमेटी बनायी गई ताकि 30% वेतन तत्व, 55% रिटायर्मेंट सुविधा को कम किया जा सके। अभी तक जितनी भी कमेटियां बनायी गई उन्होने रनिंग कर्मचारियों का नुकसान ही किया है जब कि कमेटी कर्मचारियों के फायदे के लिये बनायी जाती हैं।

8.     रनिंग स्टॉफ के संघर्ष के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्युनल (NIT) का गठन किया जिसका दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो ने विरोध किया।

9.     रनिंग स्टॉफ के मेडिकल अनफिट स्टॉफ को दूसरे विभाग मे नियुक्ति देने पर दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा विरोध किया जाता है।

10.                        रेल्वे बोर्ड का पत्र क्र. 142/2012 मे MACPS के लिये अगले ग्रेड पे को नही दिये जाने का उल्लेख है, जब कि माननीय CAT, अर्नाकुलम बेंच ने अगले ग्रेड पे दिये जाने का आदेश दिया है। दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा इस पत्र का विरोध नही किया गया जब कि अन्य विभागों एकाउंट, मेडिकल के कर्मचारी अगला ग्रेड पे ले रहे हैं।
11.                        दिनांक 12.06.2012 के सदस्य यांत्रिक के SPAD रोकने के बारे मे दिये गये निर्देशों को अभी तक लागू क्यों नही कराया जा सका?

12.                        रनिंग स्टॉफ को अभी तक इंटेंसिव कटेगरी मे क्यों घोषित नही कराया जा सका जब कि श्रम मंत्रालय ने इंटेंसिव कटेगरी मे घोषित करने का आदेश दिया है?

13.                        रेल्वे मे लाखों पद खाली पड़े हैं उन्हे भरवाने मे नाकाम रहकर रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दिलाने के वादे कैसे किये जा रहे हैं?
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14.                        ट्रैकमैन के लिये रेल्वे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है कि वह किसी भी विभागीय परीक्षा मे भाग नही ले सकता, इस आदेश का विरोध क्यों नही किया गया?

15.                        न्यू पेंशन स्कीम 2004 से लागू है 13 वर्षों मे इसे बन्द क्यों नही करा पाये जब कि उस कमेटी मे JCM के दो सदस्य हैं।

16.                        रनिंग स्टॉफ पैसे की लड़ाई नही लड़ता बल्कि अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ता है।

साथियों पुरानी एक कहानी यहां सच साबित होती है कि एक ट्रक भरकर कुल्हाड़ियां जा रही थी जिससे सारा जंगल डर गया। लेकिन एक बूढा पेड़ बोला, डरने की जरूरत नही है जबतक हममे से कोई गद्दार लकड़ी का डण्डा कुल्हाड़ी मे नही लगेगा कोई हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता। तो साथियों गद्दारों को पहचानिये और मजदूर विरोधी मतदान का विरोध करिये, ऐसा आव्हान ज्वाइंट एक्शन कमेटी (AILRSA एवं AIGC) करती है       
( कॉम.गिरिराज शर्मा / कोटा ने इ - मेल द्वारा भेजी है ) 
                   
                                                                                         

Monday, April 15, 2013

why not be Alert always..?..

BE ALERT

KNOW THE EMPOWER COMMITTE

                                               GOVERNMENT OF INDIA (BHARAT SARAKAR )
                                             MINISTRY OF RAILWAYS( RAIL MANTRALAYA)
                                                            ( RAILWAY BOARD )
No-ERB-1/2013/23/16.                                                         New Delhi, Dated25.03.2013 ( signed on 04/04/13)

                                                    ORDER

Ministry of Railway ( Railway Board ) have decided to constitute an Empowerd Committee to finalise a mechanism for a new formula for running allowance.The committee will consist of the following officers--

1.Excutive Director / Pay commission-I , Railway board                                      Convener
   Excutive Director / Mechanical Engg(Tr.)Railway Board                                    Member
  Excutive Director /Elect.Engg(RS),Railway Board                                              Member
  Excutive Director Traffic Transporation(F), Railway Board                                 Member
 Excutive Director Finance(Estt),Railway Board                                                   Member

2.The term of referance of the committee will be as under-
        a)To determine the quantam of pay element in running allowance and
        b)To review the exiting formula for calculation of rate of running allowance and evolve a new formula.

3.The HQ of the committee will be at New Delhi.

4.The committee should submit its report within a period of 3 ( three)months from the date of its constitution.

5.The convenor and Members of the committee will be eligible to draw TA/DA as admisible under the extant rules.

                                                                                                (J.M.S.RAWAT)
                                                                                      DEPUTY SECRETARY (Estt) -II
                                                                                              Railway Board.

COPY TO-
all including General Secretary AIRF/NFIR
Be alert by......... in coming storm my Dear Loco Pilots.

Friday, April 12, 2013

लोको पायलटो सावधान हो जाओ , रेलवे आप के अधिकारों को निगलने वाली है|

साथियों ...अप्रैल की पहली सप्ताह बहुत ही गहमा गहमी सी रही  | एक तरफ नयी दिल्ली में जॉइंट अधिवेशन ( आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन  और आल इण्डिया गार्ड काउन्सिल ) तो दूसरी तरफ रेल इलेक्शन  की तैयारी में फेडरेशन लोग | दिनांक - ०७.०४.२०१३ को अम्बेडकर भवन के एक प्रांगन में आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन और आल इण्डिया गार्ड कौंसिल का जॉइंट  अधिवेशन चला | जिसमे बहुत सी मुद्दों पर चर्चा हुयी | सभी ज़ोन के जोनल सचिओ ने अपने - अपने विचार प्रस्तुत किये | मुख्य रूप से चर्चा के विषय - ट्रेड यूनियन मतदान , संगठनात्मक रूप रेखा और रेलवे की अड़ियल  रवैया था |

इस सभा के दौरान एक सूचना उभर कर आई की , रेलवे ने एम्पोवेर कमिटी का गठन किया है , जो फिर से   रनिंग स्टाफ के पे- एलिमेंट और रनिंग अलाउंस के ऊपर गहराई से  विचार करेगा  और अपनी रिपोर्ट रेलवे को सौप देगा | दोस्तों यह आप सभी को मालूम होनी चाहिए की सरकारी कमिटी का गठन कर्मचारियों को  लाभ पहुँचाने  के लिए नहीं बल्कि लिपा - पोती और लाभ के हिस्से में कटौती करने के लिए की जाती है | ये ऐसा करने की तैयारी ही  है | क्या रेलवे बोर्ड आप की पे- एलिमेंट ३०% से १०% और रिटायर्मेंट लाभ को ५५% से २०% करने की तैयारी कर रहा है ? अगर ऐसा होता है , तो १९८० के फर्मुल्ले के अनुसार रनिंग अलाउंस भी कम हो जायेंगे |

इस एम्पोवेर कमिटी के पीछे यही मंशा है | इस अधिवेशन में इस कमिटी का विरोध करने का निर्णय पास हुआ | पूरी जानकारी की इंतजार है | अतः साथियों आप अपने को पहचानो और भूले भटके लोको पायलटो  को समझाओ की वह भी जान सके कि उनके साथ क्या होने वाला है | एक जॉइंट दल रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ से मिला क्युकी रेलवे मंत्री या अन्य मंत्री मौजूद नहीं थे और अपने ज्ञापन को पेश किये |  आज -कल रेलवे के संगठन स्वार्थी और चापलूस हो गए है | उन्हें कर्मचारियों के हितो की चिंता नहीं है | यही वजह है कि आम हड़ताल होने के समय , ये चूहों की भाक्ति  बिल में घुस जाते है |यही नपुंसकता की वजह से इन संगठनो ने २००८ में रनिंग अलाउंस को दोगुने रूप में स्वीकार कर ली और अपने हस्ताक्षर कर दिए | जब की टी.ये. को तीनगुने कर दिया गया |

दिनोदिन रनिंग स्टाफ के ऊपर रेलवे की आतंकवाद बढ़ते ही जा रही है | साथियों ...आप कमजोर नहीं हो | आप को अपने आन्दोलन की गति को तेज करनी पड़ेगी , जिससे आस - पास की सभी चीजे आप के पीछे दौड़ पड़ें |किन्तु हमें हमारे दोस्त ही धोका दे रहे है | उन दोस्तों की पहचान करनी पड़ेगी | उन संगठनो का वहिष्कार करना पड़ेगा , जो हमारे अधिकारों की अनदेखी करते है | किन्तु यह अकेले संभव नहीं है | इसके लिए पब्लिक को भी साथ में लेना होगा | आज हमें यह डर सता रहा है कि रेलवे सरकारी संस्था  रहेगी या नहीं ? हम सरकारी कर्मचारी कहलायेंगे या नहीं ?

बहुत सी चिंतन करने वाली बातें है | जो इस ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुँचाने का एक प्रयास रहेगा |एक या दो दिन के धरना से कुछ नहीं होने वाला ? आप को बदलना होगा ? आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे बढ़ें |आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन सदैव आप के हित के लिए प्रयास रत है | आयें शपथ  ले और कदम से कदम मिलाकर  अपनी आन्दोलन को ध्वनि प्रदान करें |

साथियों ....एक सजक सैनिक देश की रक्षा करता है | जो सो गया , वह खोने के लिए तैयार रहे | लोको पायलटो जागो ...जागो और ...जागो , अभी भी वक्त है |  अपने अधिकार को जानो , अन्यथा आप के हाथो में कुछ नहीं बचेगा |
       
( चित्र में -  कॉम .एम्.एन.प्रसाद जी सेक्रेटरी जनरल / ऐलरसा / सम्पूर्ण इण्डिया ..जंतर - मंतर पर पायलटो को  संबोधित करते हुए .दिनांक -०८.०४.२०१३.   )                                                                                     

Saturday, April 6, 2013

माल गाडी से एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर |

पूरी - दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन की माल गाडी से टक्कर | अधिकारियो की टीम घटना स्थल पर रवाना हुयी है | यह पटिया और बरंग स्टेशन  के बीच की घटना है , जो भुवनेश्वर  से पांच किलो मीटर दूर है | यह घटना करीब ०८.३० बजे शाम की है | यात्रियों को किसी तरह की नुकशान नहीं हुयी क्यूंकि एक्सप्रेस ट्रेन पटिया से रवाना हुयी थी और अभी गति शील नहीं थी |
 अभी तक इस दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चला है   | माल गाडी खड़ी थी या दुसरे लाईन पर थी ? प्राथमिक जानकारी के मद्देनजर यह कहा जा रहा है की दुर्घटना सिगनल में खराबी की वजह से हुयी है | 

 Chief Public Relations Officer of ECoR R N Mohapatra  ने बताया की ट्रक को सुरक्षित और फ्री  करने का कार्य जोरो पर है , जिससे की ट्रनो की आवाजाही में कोई दिक्कत न हो | नयी दिल्ली , कोलकाता और बहुत से दक्षिण को जाने वाली गाडियों के गति  में विराम लग गया है | इ.सी.ओ.आर.स्रोत के मुताबिक - माल गाडी के क्लियर होने के १५ मिनट बाद ही पूरी-दुर्ग एक्सप्रेस को लाईनक्लियर दिया गया था | यद्दपि एक्सप्रेस ट्रेन  धीमी गति से आगे बढ़ रही थी और  कार्गो बरंग को पहुँच गयी थी |

 माल गाडी ट्रक पर ही खड़ी हो गयी थी  | एक्सप्रेस लोको पायलट की नजर पड़ते ही  , इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाडी को  खड़ी की , जिससे सघन दुर्घटना टल गयी | किसी यात्री के दुर्घटना ग्रस्त होने की खबर नहीं है | टक्कर की वजह से मालगाड़ी के तीन डब्बे पटरी से उतर गएँ  और अप लाईन बाधित हो गयी है | दुर्घटना के जाँच की आदेश दे दिए गएँ है | कोलकाता और चेन्नई के व्यस्त रूट पर ट्रेनों के आवाजाही पर विघ्न आ गयी है |पूरी-दुर्ग एक्सप्रेस को वापस भुवनेश्वर लाया गया और यह एक्सप्रेस ट्रेन विज़ियानगरम और तितिलागढ़ के रूट से गंतव्य को रवाना  किया गया | इसी रस्ते से पूरी - अहमदाबाद और पूरी - हरिद्वार को भी भेजा गया | पूरी - शालीमार तथा पूरी - दीघा गरीब रथ रद्द की गयी | राउरकेला -पूरी पैसेंजर को कटक तक टर्मिनेट किया गया |

इस दुर्घटना की वजह से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा है , क्यूँ की बहुत सी गाड़िया समय से लेट या टरमिनेट  हो गयीं | -हावड़ा- हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस .,चेन्नई -हावड़ा मेल , विश्खापत्तनम -शालीमार एक्सप्रेस ,पूरी - हावड़ा एक्सप्रेस ,हावड़ा - भुवनेश्वर जन शताव्दी ,हावड़ा - प्रशांति निलयम एक्सप्रेस ,और यस्वन्तपुर-हावड़ा  एक्सप्रेस को कई स्टेशनों  पर घंटो रुकना पड़ा | पूरी-हावड़ा और पूरी - न्यू डेल्ही के समय में बदलाव करने पड़े |