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रेलवे ड्राइवर की दिनचर्या
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1. दो घंटे पहले ड्राइवर के पास फोन किया जाता है कि आपको कौनसी गाड़ी कहा ले जानी है
2. अगर ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया तो किसी भी प्रकार की बहाने बाजी या हकीकत रेलवे नहीं मानती.
3. फोन आने के बाद ड्राइवर ड्यूटी जाने की तैयारी में लग जाता है जैसे कि नहाना धौना खाना पीना अगैर बगैर.
4. स्टेशन पर पहुँचने के बाद ड्राइवर को प्रथम स्योबर मशीन में फूक मारकर यह साबित करना होता है कि मैंने दारू या नसा की कोई भी दवा नहीं पी रखी है, अगर आपमें नसा का असर पाया गया तो ड्यूटी कैंसिल व प्रथम बार पकड़े जाने पर 6 महीने के लिए सस्पेंड व दूसरी बार पकड़े जाने पर हमेशा के लिए सर्विस से निकाल दिया जाता है.
5. इस मशीन के बाद कम्प्यूटर में आपको साइन ओन करने हेतु है, सीधे बोले तो हस्ताक्षर.
6. उसके बाद आपकी गाड़ी की तरफ ड्राइवर बढ़ जाता है
7. ट्रेन चार्ज लेते समय पूरी तरह से इंजिन को चेक किया जाता है.
8. इंजिन संबंधी कुछ प्रोबलम हो तो पावर कंट्रोलर से फोन पर बात की जाती है
9. इन सब प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आपकी गाड़ी चलती है
10. अगर बीच रास्ते में ट्रेन या इंजिन में कुछ भी अवरोध आता है तो ड्राइवर पर इल्जाम लगाकर उसे बे-वजह चार्ज सीट दे दी जाती है, चाहे गलती गार्ड की हो या ट्रेन मेकेनिकलो की.
11. गाड़ी संबंधी पूरा विवरण गार्ड के पास होता है, लेकिन हर कोई बड़ा या छोटा कर्मचारी जब तक गाड़ी ठीक चल रही होती है तब तक सब अपने को कहते फिरते हैं कि हमारी वजह से ट्रेन चल रही है, लेकिन जब कुछ एक्सीडेंट संबंधी घटनाओं की बात आती है तो डी.आर.एम. से लेकर गैंगमेन तक सभी कर्मचारी पूरा इल्जाम ड्राइवर पर डालने की तैयारी कर लेते हैं
12. यह सब जानते हुए कि गाड़ी पटरी की चौड़ाई सकड़ाई या बोल्ट मिसिंग, प्राकृतिक आपदा, स्टेशन मास्टर की लापरवाही आदि कारणों से गिर सकती है, टकरा सकती है
13. इन सब विपदाओ से अगर बचकर निकल गया तो फिर ड्राइवर आपको अपने गंतव्य स्थल पर छोडता है
14. लाखों पब्लिक एक ड्राइवर के ऊपर अपनी यात्रा करती है और उन सबको यह पता नहीं कि जो अपने को अपनी मंजिल तक पहुचायेगा वो 1 प्रतिशत भी सेफ नहीं है, क्योंकि जहाँ ड्राइवर की ड्यूटी 8 घंटे होती है उससे जबरदस्ती 12 कभी 16 और कभी कभी तो 20 घंटे लगातार ड्यूटी करवाई जाती है अब पब्लिक ही बताइए कि आपका ड्राइवर मशीन तो है नहीं कि चलता रहेगा, वो भी आप ही कि तरह एक इंसान हैं जो दिन हो या रात, बारिश हो या वसंत, गर्मी हो या सर्दी हमेशा आपके लिए और भारत रेलवे के लिए तैयार रहता है कि हमारी रेल के पहिये कभी थमे नहीं.
15. जब वो घर से दूसरी जगह गाड़ी लेकर पहुचता है तो चाहे उसने लगातार 12 या 16 घंटे काम किया हो लेकिन उसको वहां 8 घंटा ही रेस्ट दिया जाता है और फिर वापिस गाड़ी के लिए तैयार.
17. "नेशन रेलवे बेस" नामक अमेरिका की पुस्तक में कहा गया है कि "रेलवे का केन्द्र बिंदु ड्राइवर होता है, जिसके चारों तरफ कर्मचारियों व पब्लिक की फौज हमेशा हावी बनी रहती है क्योंकि वो समझती है कि ड्राइवर के कारण ही रेलवे घटनाओं का सामना करना पड़ता है, जबकि 100% में से 4.2% प्रतिशत घटनाओं में रेलवे ड्राइवर को गलत पाया गया है, जबकि 80.8% गैंगमेन व स्टेशन संबंधी कर्मचारी एवं 5 प्रतिशत पब्लिक की गलतियों के कारण और 10% प्राकृतिक आपदाओं के कारण घटित होती है
18. हर किसी एक्सप्रेस में स्लीपर व एसी 1`2`3 की सुविधा होती है पर ड्राइवर के लिए तो इंजिन वो होता है ना कोई उसमें ढंग की सीट व्यवस्था, ना एसी, इंजिन की ताबड़तौड़ गड़गड़ाती आवाज ऐसा क्यों, क्योंकि पब्लिक ही नहीं चाहती कि हम मंगलमय यात्रा करें. मंगलमय तो पब्लिक जब यात्रा कर पायेगी जब उस गाड़ी का ड्यूटी पर मंगलमय हो,
19. इतना माथाफोड़ी का काम करके आने के बाद भी क्या महीने में जो पगार मिलती है 50,000 रूपये के लगभग वो भी रेलवे ड्राइवर के लिए पब्लिक व अन्य कर्मचारी यह कहते फिरते हैं कि ड्राइवर को बहुत पगार मिलती है, अरे भाई इतनी सी पगार भी नहीं मिलेगी तो 100 दिन के हिसाब से दिए जाए क्या ड्राइवर को.
20. एक रेलवे में ड्राइवर ही जिसके दामन पर कोई मां का लाल रिश्वत संबंधी दाग नहीं लगा पाया और नहीं लगा पायेगा, क्योंकि उसको इंजिन से मतलब होता है गाड़ी से नहीं, जबकि 10 रू में टीटीई/टीसी, लगेज रखने पर गार्ड आदि रिश्वत लेते मिल जाते हैं ।
20. वास्तव में रेलवे ड्राइवर के बराबर टेंशन रेलवे द्वारा किसी को नहीं दी जाती, ना उसे होली, दीपावली पर समय पर छुट्टी मिलती है और न ही जीवन भर चैन से नींद, भला इतनी बड़ी कुर्बानी देने वाला और कौन होगा, फिर भी वह हमेशा मुस्कराता हुआ घर को न छोड़ने पर भी छोड़कर जाने वाला आज रेलवे के बड़े अधिकारियों के दबाव में आकर समय से अधिक ड्यूटी देत
This blog contains different type of information about LOCO PILOTS OF INDIAN RAILWAYS an their struggle for long life.This blog is purely dedicated to disciplined , laborious and curruptions less loco pilots of Indian Railways.हिंदी भाषियों के मांग की वजह से इसे यहाँ हिंदी में प्रस्तुत किया जा रहा है |आप के विचारो का सदैव स्वागत है | यहाँ लोको पायलटो की समस्याओ और उनके अथक लडाई की खबरों की जानकारी दी जाएगी |लोको पायलटो की एकता जिंदाबाद |
Tuesday, October 27, 2015
लोको पायलट कहें या रेलवे ड्राईवर
Wednesday, October 21, 2015
Minimum qualification for Asst Loco Pilot in Railway
Minimum prescribed educational qualification for direct recruitment to the post of Assistant Loco Pilot (Diesel/Electric) in Pay Band-1 (Grade Pay:-1900)
GOVERNMENT OF INDIA (BHARAT SARKAR)
MINISTRY OF RAILWAYS (RAIL MANTRALAYA)
(RAILWAY BOARD)
RBE No. 129/2015
No. E (NG)-1112000/RR-1/47 New Delhi, Dated: 19.10.2015.
The General Manager (P).
All Zonal Railways/Production Units
Chairmen/Railway Recruitment Boards.
Sub: Minimum prescribed educational qualification for direct recruitment to the post of Assistant Loco Pilot (Diesel/Electric) in Pay Band-1 (Grade Pay:-1900)
Ref: Letter of even number dated 03/8/2001 (RBE No. 152/2001) & 07/6/2004 (RBE No. 120/2004) and No. E(RRB)/2002/25/10 dated 11/4/2002 .
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Attention is invited to instructions contained in letters under reference prescribing minimum educational qualification for direct recruitment to the post of Assistant Loco Pilot (Diesel/Electric) on the railways in the Pay Band of ~5200-20200 having Grade Pay: ~1900 on the railways as under:-
Matriculation Pass plus
(A) ITI certificate/Act Apprenticeship passed in trade (i) Fitter (ii) Electrician (iii) Instrument Mechanic (iv) Mill Wright/Maintenance Mechanic (v) Mechanic (Radio & TV) (vi) Electronics Mechanic (vii) Mechanic (Motor Vehicle) (viii) Wireman (ix) Tractor Mechanic (x) Armature & Coil Winder (xi) Mechanic (Diesel) (xii) Heat Engine (xiii) Turner (xiv) Machinist (xv) Refrigeration & AC Mechanic;
OR
(B) Diploma in Mechanical/Electrical/Electronics/Automobile Engineering in lieu of ITI.
2. The issue of allowing candidates with combinations of various streams of trades of Engineering prescribed as above has been under consideration of this Ministry and it has now been decided to allow such candidates to be considered for employment on the railways in terms of Board’s instructions contained in RBE No. 162/2001 dated
20/8/2001 subject to the provisions contained in Board’s letter No. E(NG)II/2005/RR-1/8 dated 28/8/2014 and 30/9/2015.
3. Cases/panels yet to be finalized may also be dealt in terms of above instructions. Those finalized need not be re-opened.
Please acknowledge receipt.
-sd-
Director Estt. (N)-11
Railway Board .
Download:- Minimum prescribed educational qualification for direct recruitment to the post of Assistant Loco Pilot on Indian Railways – RBE 129/2015