Friday, August 16, 2013

रेलवे की कर्मचारियो के प्रति जमीनी हकीकत

फायर-मई -२०१३ 
प्रकाशन स्थल - कोटा / राजस्थान 

नेशनल औधोगिक ट्रिब्यूनल  से समाचार  । 

१८ अप्रैल २०१३ को इस ट्रिब्यूनल में सुनवाई थी । लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी थी क्युकी जज साहब छुट्टी पर थे । सुनवाई की अगली तारीख १७ मई २०१३ को निर्धारित की गयी थी । इस दिन रेलवे के तरफ से दो वकील और चार excutive डायरेक्टर उपस्थित हुए थे । शुरुआत में  रेलवे ने कहा की आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन , एक असोसिएसन है और  इस ट्रिब्यूनल में नहीं आना चाहिए था , तब एम.एन. प्रसाद /महासचिव / ऐल्र्स ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश दिखाए जिसमे कहा गया है  कि असोसिएसन की बात सुनने और  समस्याओ के निराकरण के लिए प्रशासन कभी मना नहीं करेगा तथा यथा संभव समस्याओ का निदान करेगा । क्युकी असोसिएसन ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होते है । 
रेलवे बोर्ड के निर्देशकों की इस बात को ट्रिब्यूनल अध्यक्ष ने भी , इसे श्रम मंत्रालय में दखल मानते हुए आपत्ति जताई । 

दूसरा -एम्,एम्,प्रसाद जी ने  रेलवे द्वारा गठित २५ मई २०१३ की  एम्पोवेर कमिटी को सिर्फ एक धोखा बताया जिस पर जज साहब ने अपनी सहमति जताई तथा रेलवे बोर्ड के EDs से इसे डिसमिस करने के लिए कहा । रेलवे तीन बड़ी फाइल लेकर आई थी । ऐल्र्स उसकी अध्ययन करके १५ जुलाई २०१३ को अपनी पक्ष रखेगा । 

यह है रेलवे की कर्मचारियो के प्रति जमीनी हकीकत । न करेंगे और न सुलझाएंगे । 

Monday, August 5, 2013

दुधारू गाय

०२. 08. ०१३ वाडी  स्टेशन ।
सोलापुर मंडल । 
 सेंट्रल  रेलवे । 

माननीय रेलवे मंत्री श्री मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने कर कमलो से वाडी - गुलबर्गा खंड पर विद्युतीकरण का शिलान्यास किया । इस  खंड पर दोहरी लाईन है । श्री खरगे ने रेलवे की बदहाली की चर्चा की । उन्होंने रेलवे की तुलना दुधारू गाय से की । जिस तरह गाय को ज्यादा दुहने से खून निकलने लगता है ,वैसे ही आज रेलवे की स्थिति होती जा  रही है ।आज  मुलभुत योजना की जरुरत है । 
( मै भी वाड़ी में था ।) 

Saturday, August 3, 2013

Granting of Financial Upgradation under MACP Scheme — Clarification reg.
Posted: 13 Jun 2013 09:43 PM PDT
Southern Railway issued a clarification order on MACP Scheme regarding the terms used "In same Grade Pay" and "Normal Promotion"...
SOUTHERN RAILWAY

No.P(R)535/P/MACPS/Vol.III

Headquarters Office 
Personnel Branch 
Chennai – 600003 
Dated: 20-05-2013
PBC No: 54/2013

All PHODs / DRMs / CWMs / CEWE / CAO / CPM / Dy.CPOs / Sr.DPOs / DPOs / SPOs / WPOs / APOs if HQ / Dvisions / Workshops / other Units, etc., (As per mailing list – ‘A’)

Sub: Granting of Financial Upgradation under MACP Scheme — Clarification reg.

Ref : Railway Board’s letter No. PC-V/2009/ACP/2 dated 13-12-2012 (RBE No. 142 / 2012, PBC No. 189 / 2012).

Consequent to issue of Railway Board’s letter dated 13-12-2012 (RBE No. 142 / 2012), many doubts have been raised from various quarters as to how the the clarification given is to be followed.

In terms of the above cited letter, an employee holding feeder post in a cadre where promotional post is in the same Grade Pay, financial upgradation under ACP / MACP scheme cannot be to a higher Grade Pay than what can be allowed to an employee on his normal promotion and would be granted the same Grade Pay. The doubts were with regard to the terms used i.e., "In same Grade Pay" and "Normal Promotion".

As clarified by Board, the following clarifications are given citing certain examples :

(a)A Sr. Clerk on direct recruitment with GP Rs. 2800/- having earned two promotions to GP Rs. 4200/- and Rs.4600/- is entitled to be considered for 3rd Financial Upgradation to GP Rs. 4800/- under MACP Scheme subject to fulfilling other terms and conditions relating to the scheme.

(b)A Technical supervisor on direct recruitment with GP Rs. 4200/- having earned one promotion to GP Rs. 4600/- is entitled to be considered for grant of 2nd and 3rd Financial Upgradation to GP Rs. 4800/- and GP Rs. 5400/- of PB 2 respectively under MACP Scheme subject to fulfilment of terms and conditions relating to the scheme.

(c)A Sr.Section Engineer on direct recruitment with GP Rs. 4600/- is entitled to be considered for grant of 1st, 2nd & 3rd Financial Upgradation to GP Rs. 4800/- in PB 2, GP Rs. 5400/- in PB-2, and GP Rs. 5400/- in PB-3 respectively under MACP Scheme subject to fulfilment of terms and conditions relating to the scheme.

(d) A Chief Matron with GP Rs. 5400/- in PB-2 is entitled to be considered for Financial Upgradation under MACPS to the same GP Rs. 5400/- in PB-3, as per terms contained in Para 8.1 of Annexure to Board’s letter dt. 10-06-2009 (RBE No. 101 /2009, PBC No. 112/2009)

(e) A Staff Nurse directly recruited with GP Rs. 4600/- is entitled to be considered for 3rd Financial Upgradation under MACP scheme to GP of Rs. 5400/- in PB-3 after earning two Promotion / Financial Upgradation to GP Rs. 4800/- and Rs. 5400/- in PB-2, subject to fulfilment of terms and conditions relating to the scheme.

It has been further clarified that 3 % increment as Pay Fixation in respect of employees who are granted Financial Upgradation to the same Grade Pay is to be allowed or not, (since as per RS(PR) Rules 2008 it is still not allowed) is under consideration in consultation with Ministry of Finance. Hence, for example a Sr. Technician on promotion / Financial Upgradation granted same Grade Pay, or when Goods Driver promoted / granted Financial Upgradation under MACP to the same Grade Pay of Rs. 4200/-, the pay fixation is under consideration and yet to be clarified.

The cases decided otherwise than as clarified above may be reviewed and action taken accordingly.

This is issued with the approval of CPO/MAS.

sd/- 
(M.SRINIVASALU) 
Asst. Personnel Officer / Rules 
for Chief Personnel Officer

Source: www.irtsa.net

Saturday, July 27, 2013

अब जनरल टिकट भी बुक होंगे एसएमएस से


अब लोकल, पैसेंजर ट्रेन और मेल-एक्सप्रेस की जनरल क्लास के मुसाफिर भी मोबाइल से एसएमएस भेजकर टिकट बुक करा सकेंगे। इस समय जनरल क्‍लास में सफर करने वाले यात्रियों को टिकट खरीदने के लिए काउंटर पर जाना ही पड़ता है। इस तरह हर रोज दो करोड़ 30 लाख लोग टिकट काउंटरों पर लाइन लगाने के लिए मजबूर हैं। रेलवे जल्द ही एसएमएस के जरिए एडवांस में जनरल टिकट बुक करने की सुविधा शुरू करेगी। इसके लिए तीन डिजिट का नया नंबर शुरू किया जाएगा। 

रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) ने यूटीएस (अनारक्षित टिकट सिस्टम) के सॉफ्टवेयर में जरूरी परिवर्तन कर दिया है। इसके साथ ही सामान्य मोबाइल से एसएमएस भेजकर टिकट बुकिंग करने संबंधी तकनीक को विकसित कर लिया है। रिजर्वेशन फार्म की तरह ही यात्री की मोबाइल के बॉक्स में जाकर अपना नाम, यात्रियों की संख्या, कहां से कहां तक (स्टेशनों के नाम) श्रेणी, आदि की जानकारी भरकर रेलवे को एसएमएस करना होगा। इसके जवाब में रेलवे की और से आने वाले एसएमएस पर ओके। करना होगा। ओके करने पर यात्री के ई-पर्स से किराया कट जाएगा और रेलवे से आने वाला दूसरा एसएमएस उसका टिकट माना जाएगा। इससे पहले, एसएमएस के जरिये रिजर्व टिकट बुक कराने की सुविधा दी गई है।


SOURCE - BHASKER

Saturday, June 29, 2013

आल इण्डिया लोको रंनिंग स्टाफ असोसिएसन के केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक नयी दिल्ली में


आल इण्डिया लोको रंनिंग स्टाफ असोसिएसन के केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक नयी दिल्ली में दिनांक  ८ अगस्त २ ० १ ३ को बुलाई गयी है । इस बावत अधिसूचना सभी पदाधिकारियों को जारी कर दी गयी है । यह सभा सुबह साढ़े नौ बजे सुबह शुरू होकर , रात  आठ बजे ख़त्म होगी । इस अंतराल में एक घंटे की लंच ब्रेक होगी । 

इस बैठक में फायर मैगजीन के संपादको और सलाहकारों को भी विशेष तौर पर बुलाया गया है । जिससे इसके सर्कुलेसन और विकास पर चर्चा हो सके ।कामरेड हरचरण सिंह को  विशेस रूप से निमंत्रित किया गया है , जो ऐलरसा के इतिहास को लिख रहे है । 

इस सभा में विशेष चर्चा के विषय -
१. रेलवे संघटनो के लिए हुए मतदान और हमारे योगदान और हमारे संगठन पर पड़ने वाले असर । २ .राष्ट्रिय औधोगिक ट्रिब्यूनल और अब तक की सफलता । 
३ .संगठनिक सदस्यता और केन्द्रीय कोटा । 
४ .बिसवा अखिल भारतीय बिजियम -जो २ ० १ ४  में होने है । 
५ .संगठनिक अवस्था और हमारे दायित्व । 
६ .आल इण्डिया गार्ड काउन्सिल के साथ बनी जॉइंट कमिटी और उसके कार्य की मूल्यांकन ।     

( जैसा पत्र प्राप्त हुआ है    



Saturday, June 8, 2013

अब सरकारी कर्मचारी 60 वर्ष के वजाय 62 वर्ष में अवकाश प्राप्त कर सकेगे ।

जी हाँ , यदि आप सरकारी कर्मचारी है तो खुश हो जाईये , क्यूंकि सरकार ने यह निर्णय ले लिया है कि कर्मचारियों के अवकाश के वर्ष में दो वर्ष की बढ़ोतरी कर दी जाए । इस निर्णय के बाद सरकार की पर्सोनल और ट्रेनिंग विभाग इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू  कर दी है । इस वर्ष में ही  आदेश जारी हो सकते है । इस प्रकार सरकार के खजाने की कमी दूर  हो जाएगी । अब सरकारी कर्मचारी ६०  वर्ष के  वजाय  ६ २  वर्ष में अवकाश प्राप्त कर सकेगे । 


The Financial Express article is quoted below

The government is planning to extend the retirement age of all central government employees by two years — from the current 60 to 62 years. Sources said that an in-principle decision has been taken in this regard and the department of personnel and training (DoPT) has begun the work to implement the same. A formal announcement to this effect is expected this year itself.

The last time the government extended the retirement age of central government employees was in 1998. It was also a two-year extension from 58. This was preceded by the implementation of the 5th Pay Commission, which had put severe strain on government’s finances. Subsequently, all state governments followed the Centre’s policy by extending the retirement age by two years. Public sector undertakings followed suit too.

The decision to extend the retirement age is well-timed both politically and economically.

The UPA government reckons the move would be a masterstroke. At a time when it is buffeted by several corruption cases, it is felt that the extension of the retirement age will go down well with the middle classes. Economically also, the move makes sense because by deferring payment of lump sum retirement benefits for a large number of employees by two years, the government would be able to manage its finances better.
“An in-principle decision has been taken to increase the retirement age by two years within this year itself. This would reduce the burden on the fisc from one-time payment of retirement benefits for employees including defence and railways personnel,” an official involved in the discussion said. With the fiscal consolidation high on the government's agenda, this deferment would come handy.

There’s some flip side too if the retirement age is extended by two years. Those officials empanelled as secretaries and joint secretaries would have to wait longer to actually get the posts. And of course, there is the issue of average age profile of the civil servants being turning north.

It is also felt that any extension is not being fair with a bulk of people who still look for jobs in the government.

However, officials point out that at least it prevents an influential section of the bureaucracy to hanker for post-retirement jobs with the government like chairmanship of regulatory bodies or tribunals.

“As it is, a sizeable section of senior civil servants work for three to five years after the retirement in some capacity or the other in the government,” said a senior government official. The retirement age of college teachers and judges are also beyond 60.

As per a study, the future pension outgo for the existing Central and State government employees is estimated at a staggering R1,735,527 crore or 55.88% of GDP at market prices of 2004-05.

Saturday, June 1, 2013

मोटरमैन की ड्यूटी पर मृत्यु

दिनांक - २ ३ मई २ ० १ ३  चेन्नई 

मनोहर मोटरमैन / चेन्नई दोपहर ० ३ .४ ० बजे के आस - गुम्मिदिपुंदी एम.एम.सि -यि.एम्य़ु लेकर जा रहे थे ।  एक सौ यात्री सवार  थे । अचानक उनकी तवियत ख़राब हो गयी । सर में चक्कर आने लगा  और वे कैब के अन्दर ही गिर पड़े । स्वचालित फ्लाषर बत्ती जलने लगी । विपरीत दिशा से एक लोकल आ रही  थी । उस मोटरमैन ने फ्लाषर बत्ती देख लोकल ट्रेन को रोक दी और अपने गार्ड के साथ , उस कैबिन को गएँ । 

मोटरमैन मनोहर की शारीरिक दशा ठीक नहीं थी । उन्हें तुरंत पेरम्बूर रेलवे अस्पताल को रेफर किया गया , जहाँ डॉक्टर मनोहर को मृत घोषित कर दिए  । मनोहर की उम्र ४ ८ वर्ष थी । पिछले दशक के दौरान यह तीसरी घटना है , जब मोटरमैन ड्यूटी में मृत घोषित किये गए । स्वचालित ब्रेक की वजह से सभी यात्रियों की जाने बच  गयी ।  मनोहर नेमिचेर्री के रहने वाले थे । 

इस दुखद दुःख  में आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन उनके परिवार के साथ है । 

इस तरह के घटनाओ के बढ़ने का मुख्य  कारण - काम के बढ़ते दबाव है । मोटरमैन और लोको पायलटो के  पदों का न  भरा जाना भी है । आज लोको पायलटो की हालत दयनीय होती जा रही है । आखिर ये सब कब तक चलता रहेगा ? 

Friday, May 24, 2013

ई-टिकट पर नया फरमान : सुबह 8-12 के बीच बना टिकट खरीदना पड़ सकता है भारी!

May 22, 2013


भारतीय रेल ने एजेंटों से ई-टिकट बनवाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी को लेकर यात्रियों के लिए निर्देश जारी किए हैं।

इसमें कहा है कि यदि कोई ई-टिकट किसी एजेंट आउटलेट द्वारा सुबह 8 से 12 बजे के बीच जारी किया गया हो, तो उन्हें न खरीदें। ऐसा इसलिए क्योंकि वेबसाइट www. irctc.co.in सुबह 8 से 12 बजे तक केवल व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए ही खुली रहती है।

यह बरतें सावधानी 

: टिकट बनवाते समय यात्री यह जांच लें कि उनका मोबाइल नंबर सही फीड किया है या नहीं? 
: बुकिंग कंफर्म होने पर इसी मोबाइल पर एसएमएस आएगा। इसमें किराया और सर्विस चार्ज सहित बुकिंग का विवरण रहेगा। यात्रा के दौरान यह एसएमएस दिखाया जा सकता है, प्रिंट की जरूरत नहीं है। 
: बुकिंग और कैंसिलेशन पर ई-टिकट एजेंट से रसीद जरूर लें।


ज्यादा रुपए मांगे, तो करें शिकायत 

रेलवे जनसंपर्क विभाग के अनुसार, ई-टिकट पर सर्विस चार्ज प्रति टिकट पर देय होता है, न कि यात्रा करने वालों की संख्या पर। एसी श्रेणी में प्रत्येक ई-टिकट के लिए आईआरसीटीसी और एजेंट का 20-20 रुपए सर्विस चार्ज (कुल 40 रुपए) तय है। स्लीपर और कुर्सीयान पर 10 रुपए आईआरसीटीसी का और 10 रुपए एजेंट का सर्विस चार्ज (कुल 20 रुपए) तय है। 
एजेंट इससे ज्यादा रुपए मांगते है, तो यात्री 011-23745962, 011-39340000 पर या agentcomplaint@irctc.co.in, care@irctc.co.in पर ईमेल से भी शिकायत कर सकते हैं।

एजेंटों को टिकट प्रिंटिंग या कैंसिलेशन के लिए अतिरिक्त शुल्क देय नहीं है।

Source - BHASKER

Wednesday, May 22, 2013

रेलवे प्रोटेक्शन फाॅर्स यूनियन के महासचिव ने सीबीआई प्रमुख के खिलाफ मानहानि का नोटिस दिया ।

2 1 मई 2 0 1 3

अखिल भारतीय रेलवे प्रोटेक्शन फ़ोर्स के महासचिव ने
 अपने ऊपर लगाये आरोप को बेबुनियाद करार दिया
 है  । उन्होंने सीबीआई प्रमुख रंजित सिन्हा को
मानहानि का नोटिस जारी  किया । 

उन्होंने सीबीआई प्रमुख को 5 1 लाख और सात
 दिनों के अन्दर बिनशर्त क्षमामांगने को कहा है ।
ऐसा नहीं करने पर सिविल और क्रिमिनल कार्यवाही
की धमकी दी है ।    

सीबीआई ने रेलवे बोर्ड से शिकायत की है कि यु. एस.
 झा , महासचिव आर्पियाफ़ असोसिएसन तीन ऑफिसियल आवास पर कब्ज़ा किये हुए है । जो
सर्विस रुल के विरुद्ध है । 


सीबीआई ने कहा है कि किसी भी सूचना को उस  सम्बंधित कार्यालय को आवश्यक कार्यवाही के 
लिए सूचित करना , उसके कार्यक्षेत्र में है , जहाँ पबलिक के रुपये का दुरूपयोग हो रहा हो । 
सीबीआई ने किसी भी बदले की भावना से इंकार किया है । 



लेकिन झा ने दावा के साथ कहा है कि सीबीआई डायरेक्टर जब आर.पि. एफ के  डायरेक्टर 
जेनेरल थे , तब उन्होने कई आफिसरो को घुसखोरी का चार्ज सीट दिया था । 



झा के अनुसार ,उन्होंने रेल मंत्री को दिनांक -1 6  मई 2 0 1 1 को सिन्हा के खिलाफ लिखित 
शिकायत की थी । इसके अलावा दिनांक -2 0 जून 2 0 1 1 और 3 अगस्त 2 0 1 2 को दो अलग 
शिकायत भी की थी । सिन्हा 1 2 नवम्बर 2 0 0 8  और 1 9 मई 2 0 1 1 के दौरान आर.पि
.एफ़ के डायरेक्टर जेनेरल थे । 



झा ने इस लीगल नोटिस में कहा है कि उन्होंने कोई भी आफिसियल आवास का दुरूपयोग 
नहीं किया है , ये आवास असोसिएसन के नाम रेलवे ने नामित किया है । उन्होंने उन सभी 
आवासों की जानकारी दी , जो असोसिएसन के नाम आलोट  है । 



( स्रोत - हिंदुस्तान टाइम्स )


Monday, May 20, 2013

NIT/MUMBAI ON 17.05.2013

नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल , भारतीय रेल और ऐलर्सा  के बिच १ ७ मई २ ० १ ३ को मुंबई में सुनवाई हुयी । रेलवे ने गर्म जोशी के साथ अपने पक्ष को प्रस्तुत किया । रेलवे ने अपने पक्ष के समर्थन में तीन बड़े फाइल को जमा किया ।  

अगली सुनवाई १ ५ जुलाई २ ० १ ३ को निश्चित हुयी है । 

ऐलर्सा  ने रनिंग अलाउंस के ऊपर गठित कमिटी  के  विरोध में एक दरख्वास्त जमा कराया , जिससे की इसकी कारवाही रोकी जाय । एक तरह से रनिंग अलाउंस के ऊपर गठित कमिटी गैरकानूनी है , जब इस तरह के मामलात नित/ मुंबई  में सुनवाई के लिए सुरक्षित है । 

साथियों जागो और अपने अधिकारों को समझो । 

ऐलर्सा  कभी रुकने वाला नहीं , रनिंग स्टाफ की कहानी ...हमेशा ऐलर्सा की जुबानी । 

Friday, May 17, 2013

महेश कुमार ( रेलवे बोर्ड मेंबर ...स्टाफ ) को घुश देने के आरोप में सि. बि. आई ने गिरफ्तार किया ।

 प्यारे साथियों ।                                                        ०४ . मई  २० १ ३ 

महेश कुमार ( रेलवे बोर्ड मेंबर ...स्टाफ ) को घुश देने के आरोप में सि. बि. आई ने गिरफ्तार किया । इनके ऊपर आरोप है की ये मेंबर इलेक्ट्रिक के लिए सिंगला को ९ ० लाख रुपये चंडीगढ़ में  दिए । महेश कुमार को गुरुवार को ही रेलवे बोर्ड मेंबर ( स्टाफ ) की पदोन्नति हुयी थी । इसके पहले पश्चिम रेलवे के जनरल मनेजर थे । पुराणी दिल्ली रेलवे स्टेशन में वृहद् रूट रिले इंटरलॉकिंग के प्रचलन में , वह भी मात्र ३ ६  घंटे में पूर्ण करने  से ,  इनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ था । ऐसा करने वाले एक मात्र ऑफिसर थे । 

जानकारी मिलते ही सीबीआई ने महेश कुमार के ऊपर नजर रखे हुयी थी । जिसमे इनके आवागमन और फोन काल पर नजर राखी जा रही थी । मंजुनाथ भी महेश कुमार के संपर्क में था ,  गिरफ्तार कर लिया गया है । संदीप गोयल की भी  गिरफ्तारी हुयी है , जिसने  डील को अंजाम  दिया था  । घुश्खोरी के विभिन्न धाराओ के अंतर्गत महेश कुमार , विजय सिंगला और दो के खिलाफ केश दर्ज हो गया है ।

( स्रोत - टाइम्स ऑफ़ इण्डिया और आयिबिएन लाइव )


 
 

Saturday, April 20, 2013

रेलवे में बायो -टॉयलेट्स के सपने जल्द साकार होंगे |




By S.N. Venkatnag Sobers in English. its an translation by me .

भारतीय रेलवे ने यह निश्चय कर  लिया है कि बहुत जल्द ही ट्रेनों में अत्याधुनिक माडल वाला बायो - टॉयलेट्स लगा दिए जायेंगे | रेलवे ने इस कार्य को अंजाम देने के लिए भारतीय सेना के डीआर.डी .ओ से मदद ली  है | पहले मल - मूत्र प्लेटफोर्म या ट्रेन के पटरियों पर गिरते थे और प्राकृतिक स्वक्षता को विकृत कर देते थे | प्लेटफोर्म दुर्गन्धपूर्ण हो जाते थे | अब बायो टॉयलेट के लगाये जाने के बाद यात्रियों को सफ़र में आनंद और रेलवे प्लेटफोर्म दुर्गन्ध रहित  प्राकृतिक वातावरण का संचार करेंगे | इस नए प्रणाली के माध्यम से वेस्ट को जीवाणु पानी और गैस में परिवर्तित कर देंगे , जो स्वास्थ्य और वातावरण  के लिए हितकर होंगे | 

रेलवे द्वारा बनायीं गयी संरक्षा कमिटी ने इस तरह के बायो - टॉयलेट को स्थापित करने के सुझाव दिए थे | रेलवे ने २०१२-१३ वर्ष के दौरान २५०० बायो - टायलेट लगाने का निर्णय लिया है | जब की इस तरह की कोई जानकारी पिछले रेल बजट में रेलवे मंत्री श्री पवन कुमार वंसल जी ने नहीं दी थी | लेकिन रेलवे का यह निर्णय धीरे - धीरे एक साकार रूप लेते नजर आ रहा है | दक्षिण - पश्चिम रेलवे ने इसे गंभीरता से लिया है | इस कार्य में मैसूर रेलवे स्टेशन को सर्वाधिक स्वक्छ  रेलवे की श्रेणी में गिना जा सकता है , जिसने साफ़ - सफाई को बहुत ही गंभीरता से ली है  | शुरुवाती तौर पर बायो - टॉयलेट को मैसूर और हुबली के बीच चलने वाली ट्रेनों में लगाया जायेगा और शीघ्र ही अन्य स्टेशनों  पर भी विस्तार इसका  किया जायेगा |

स्टार ऑफ़ मैसूर से बात- चित करते हुए - श्री यु . सुब्बा राव  मुख्य वर्कशॉप मैनेजर / मध्य रेलवे वर्कशॉप / मैसूर ने कहा की ' इस योजना को कार्यान्वित होने में  पुरे वर्ष लगेगे | हमें जैसे ही इसके आवश्यक सामग्री आई.सी.ऍफ़./ चेन्नई  से मिलने लगेगे , इसके कार्यान्वयन के प्रयास   शुरू  हो जायेंगे | आई.सी.ऍफ़./ चेन्नई को  बायो - टॉयलेट के आवश्यक सामग्री उपलव्ध कराने की जिम्मेदारी सौपी  गयी है |

भारतीय रेलवे ने बायो - टॉयलेट को प्रथम  परिक्षण के तौर पर कई ट्रेनों में सफलता पूर्वक इस्तेमाल कर रहा है | अब , इसे विभिन्न चरणों में सभी ट्रेनों में लगाया जायेगा |

श्री सुब्बाराव ने यह भी बताया की एक बायो - टॉयलेट की कीमत तकरीबन ३.५ लाख रुपये  है और शुरुवाती तौर पर १०० डिब्बो में इसे लगाया जायेगा | रेलवे के इस बायो - टॉयलेट के उपयोग के बाद हमारी यात्रा और भी सुखमय हो जाएगी | 

Wednesday, April 17, 2013

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएसन तथा आल इंडिया गार्ड काउन्सिल का रेलवे के यूनियन के मान्यता के चुनाव से बहिष्कार |


ज्वाइंट एक्शन कमेटी

सभी रेल कर्मचारी और साथियों , रनिंग स्टॉफ (गार्ड एवं लोको पायलट) के साथ साथ रेल्वे की यूनियन की मान्यता के चुनाव का बहिस्कार करें। क्यों कि कोई भी संगठन जो मान्यता के चुनाव मे खड़ा है वह मान्यता के चुनाव मे जीतकर आने के बाद भी कर्मचारियों के हित मे हड़ताल नही कर सकता। ऐसा रेल्वे ने इन से लिखकर ले लिया है। इसका विरोध चुनाव लड़ने वाले सभी संगठनों को करना चाहिये था, लेकिन इन्होने ऐसा नही किया। इसमे इनके मजदूर मसीहाओं का स्वार्थ है। साथियों वोट डालने से पहले कृपया निम्न बिंदुओं पर विचार करें: -
1.रेलवे  कर्मचारियों के सेफ्टी वी. आर. एस. स्कीम मे किसी भी रेल्वे कर्मचारी का बच्चा फिट नही बैठ रहा है, जिससे वह नौकरी मे नही लग पा रहा है। सेफ्टी कटेगरी सेफ्टी स्वेच्छा सेवानिवृत्ति के लिये शर्त लोकोपायलट उम्र 55 से 57 वर्ष एवं 33 साल की सेवा तथा अन्य के लिये उम्र 50 से 57 वर्ष एवं 20 साल की सेवा तथा ग्रेड  पे 1800 से 1900 ही होना चाहिये इससे ज्यादा नही। अभी मान्य दोनो संगठनो ने दोनो की शर्त एक जैसी क्यों नही करवायी?
 २. यूनियन की मान्यता के वोट लेने के लिये यह प्रलोभन दिया जा रहा है कि सभी रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जायेगी। यह संभव नही है क्यों कि दोनो संगठन ठेकेदारी प्रथा को रोक नही पा रहे है बल्कि ठेका मजदूर यूनियन चला रहे हैं।

3.     वाणिज्य (Commercial) विभाग मे रिजर्वेशन साधारण टिकिट का कार्य प्रायवेट एजेंटों को दिया जा रहा है। MOH, POH मे अधिकतर कार्य (रिपेयरिंग, असेंबली) ठेके पर दिये जा रहे हैं। रनिंग स्टॉफ के रनिंग रूम, CMS पर बुकिंग आदि कार्य ठेके पर दिये जा चुके हैं। इंजीनियरिंग के कार्य, सफाई कार्य, पेंट्रीकार, एस. एल. आर. सभी ठेके पर चल रहे हैं।

4.     रनिंग कर्मचारी विरोधी RAC-2002 की रिपोर्ट दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बनाई गई थी जो रनिंग स्टॉफ की एकता एवं जबर्दस्त विरोध के कारण लागू नही हो पायी।

5.     माइलेज का फार्मूला 6 वें वेतन आयोग के बाद दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से समाप्त करने की साजिश रची गई तथा माइलेज सिर्फ दो गुना किया गया जब कि यात्रा भत्ता मे तीन गुने से भी ज्यादा की वृद्धि हुई।

6.     दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो की वजह से 30% वेतन तत्व खत्म करने की साजिश रची गई।

7.     दिनांक 25.03.2013 को एक नयी रनिंग एलाउंस कमेटी बनायी गई ताकि 30% वेतन तत्व, 55% रिटायर्मेंट सुविधा को कम किया जा सके। अभी तक जितनी भी कमेटियां बनायी गई उन्होने रनिंग कर्मचारियों का नुकसान ही किया है जब कि कमेटी कर्मचारियों के फायदे के लिये बनायी जाती हैं।

8.     रनिंग स्टॉफ के संघर्ष के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्युनल (NIT) का गठन किया जिसका दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो ने विरोध किया।

9.     रनिंग स्टॉफ के मेडिकल अनफिट स्टॉफ को दूसरे विभाग मे नियुक्ति देने पर दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा विरोध किया जाता है।

10.                        रेल्वे बोर्ड का पत्र क्र. 142/2012 मे MACPS के लिये अगले ग्रेड पे को नही दिये जाने का उल्लेख है, जब कि माननीय CAT, अर्नाकुलम बेंच ने अगले ग्रेड पे दिये जाने का आदेश दिया है। दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा इस पत्र का विरोध नही किया गया जब कि अन्य विभागों एकाउंट, मेडिकल के कर्मचारी अगला ग्रेड पे ले रहे हैं।
11.                        दिनांक 12.06.2012 के सदस्य यांत्रिक के SPAD रोकने के बारे मे दिये गये निर्देशों को अभी तक लागू क्यों नही कराया जा सका?

12.                        रनिंग स्टॉफ को अभी तक इंटेंसिव कटेगरी मे क्यों घोषित नही कराया जा सका जब कि श्रम मंत्रालय ने इंटेंसिव कटेगरी मे घोषित करने का आदेश दिया है?

13.                        रेल्वे मे लाखों पद खाली पड़े हैं उन्हे भरवाने मे नाकाम रहकर रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दिलाने के वादे कैसे किये जा रहे हैं?
.
14.                        ट्रैकमैन के लिये रेल्वे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है कि वह किसी भी विभागीय परीक्षा मे भाग नही ले सकता, इस आदेश का विरोध क्यों नही किया गया?

15.                        न्यू पेंशन स्कीम 2004 से लागू है 13 वर्षों मे इसे बन्द क्यों नही करा पाये जब कि उस कमेटी मे JCM के दो सदस्य हैं।

16.                        रनिंग स्टॉफ पैसे की लड़ाई नही लड़ता बल्कि अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ता है।

साथियों पुरानी एक कहानी यहां सच साबित होती है कि एक ट्रक भरकर कुल्हाड़ियां जा रही थी जिससे सारा जंगल डर गया। लेकिन एक बूढा पेड़ बोला, डरने की जरूरत नही है जबतक हममे से कोई गद्दार लकड़ी का डण्डा कुल्हाड़ी मे नही लगेगा कोई हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता। तो साथियों गद्दारों को पहचानिये और मजदूर विरोधी मतदान का विरोध करिये, ऐसा आव्हान ज्वाइंट एक्शन कमेटी (AILRSA एवं AIGC) करती है       
( कॉम.गिरिराज शर्मा / कोटा ने इ - मेल द्वारा भेजी है ) 
                   
                                                                                         

Monday, April 15, 2013

why not be Alert always..?..

BE ALERT

KNOW THE EMPOWER COMMITTE

                                               GOVERNMENT OF INDIA (BHARAT SARAKAR )
                                             MINISTRY OF RAILWAYS( RAIL MANTRALAYA)
                                                            ( RAILWAY BOARD )
No-ERB-1/2013/23/16.                                                         New Delhi, Dated25.03.2013 ( signed on 04/04/13)

                                                    ORDER

Ministry of Railway ( Railway Board ) have decided to constitute an Empowerd Committee to finalise a mechanism for a new formula for running allowance.The committee will consist of the following officers--

1.Excutive Director / Pay commission-I , Railway board                                      Convener
   Excutive Director / Mechanical Engg(Tr.)Railway Board                                    Member
  Excutive Director /Elect.Engg(RS),Railway Board                                              Member
  Excutive Director Traffic Transporation(F), Railway Board                                 Member
 Excutive Director Finance(Estt),Railway Board                                                   Member

2.The term of referance of the committee will be as under-
        a)To determine the quantam of pay element in running allowance and
        b)To review the exiting formula for calculation of rate of running allowance and evolve a new formula.

3.The HQ of the committee will be at New Delhi.

4.The committee should submit its report within a period of 3 ( three)months from the date of its constitution.

5.The convenor and Members of the committee will be eligible to draw TA/DA as admisible under the extant rules.

                                                                                                (J.M.S.RAWAT)
                                                                                      DEPUTY SECRETARY (Estt) -II
                                                                                              Railway Board.

COPY TO-
all including General Secretary AIRF/NFIR
Be alert by......... in coming storm my Dear Loco Pilots.

Friday, April 12, 2013

लोको पायलटो सावधान हो जाओ , रेलवे आप के अधिकारों को निगलने वाली है|

साथियों ...अप्रैल की पहली सप्ताह बहुत ही गहमा गहमी सी रही  | एक तरफ नयी दिल्ली में जॉइंट अधिवेशन ( आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन  और आल इण्डिया गार्ड काउन्सिल ) तो दूसरी तरफ रेल इलेक्शन  की तैयारी में फेडरेशन लोग | दिनांक - ०७.०४.२०१३ को अम्बेडकर भवन के एक प्रांगन में आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन और आल इण्डिया गार्ड कौंसिल का जॉइंट  अधिवेशन चला | जिसमे बहुत सी मुद्दों पर चर्चा हुयी | सभी ज़ोन के जोनल सचिओ ने अपने - अपने विचार प्रस्तुत किये | मुख्य रूप से चर्चा के विषय - ट्रेड यूनियन मतदान , संगठनात्मक रूप रेखा और रेलवे की अड़ियल  रवैया था |

इस सभा के दौरान एक सूचना उभर कर आई की , रेलवे ने एम्पोवेर कमिटी का गठन किया है , जो फिर से   रनिंग स्टाफ के पे- एलिमेंट और रनिंग अलाउंस के ऊपर गहराई से  विचार करेगा  और अपनी रिपोर्ट रेलवे को सौप देगा | दोस्तों यह आप सभी को मालूम होनी चाहिए की सरकारी कमिटी का गठन कर्मचारियों को  लाभ पहुँचाने  के लिए नहीं बल्कि लिपा - पोती और लाभ के हिस्से में कटौती करने के लिए की जाती है | ये ऐसा करने की तैयारी ही  है | क्या रेलवे बोर्ड आप की पे- एलिमेंट ३०% से १०% और रिटायर्मेंट लाभ को ५५% से २०% करने की तैयारी कर रहा है ? अगर ऐसा होता है , तो १९८० के फर्मुल्ले के अनुसार रनिंग अलाउंस भी कम हो जायेंगे |

इस एम्पोवेर कमिटी के पीछे यही मंशा है | इस अधिवेशन में इस कमिटी का विरोध करने का निर्णय पास हुआ | पूरी जानकारी की इंतजार है | अतः साथियों आप अपने को पहचानो और भूले भटके लोको पायलटो  को समझाओ की वह भी जान सके कि उनके साथ क्या होने वाला है | एक जॉइंट दल रेलवे बोर्ड में मेंबर स्टाफ से मिला क्युकी रेलवे मंत्री या अन्य मंत्री मौजूद नहीं थे और अपने ज्ञापन को पेश किये |  आज -कल रेलवे के संगठन स्वार्थी और चापलूस हो गए है | उन्हें कर्मचारियों के हितो की चिंता नहीं है | यही वजह है कि आम हड़ताल होने के समय , ये चूहों की भाक्ति  बिल में घुस जाते है |यही नपुंसकता की वजह से इन संगठनो ने २००८ में रनिंग अलाउंस को दोगुने रूप में स्वीकार कर ली और अपने हस्ताक्षर कर दिए | जब की टी.ये. को तीनगुने कर दिया गया |

दिनोदिन रनिंग स्टाफ के ऊपर रेलवे की आतंकवाद बढ़ते ही जा रही है | साथियों ...आप कमजोर नहीं हो | आप को अपने आन्दोलन की गति को तेज करनी पड़ेगी , जिससे आस - पास की सभी चीजे आप के पीछे दौड़ पड़ें |किन्तु हमें हमारे दोस्त ही धोका दे रहे है | उन दोस्तों की पहचान करनी पड़ेगी | उन संगठनो का वहिष्कार करना पड़ेगा , जो हमारे अधिकारों की अनदेखी करते है | किन्तु यह अकेले संभव नहीं है | इसके लिए पब्लिक को भी साथ में लेना होगा | आज हमें यह डर सता रहा है कि रेलवे सरकारी संस्था  रहेगी या नहीं ? हम सरकारी कर्मचारी कहलायेंगे या नहीं ?

बहुत सी चिंतन करने वाली बातें है | जो इस ब्लॉग के माध्यम से आप तक पहुँचाने का एक प्रयास रहेगा |एक या दो दिन के धरना से कुछ नहीं होने वाला ? आप को बदलना होगा ? आप अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आगे बढ़ें |आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन सदैव आप के हित के लिए प्रयास रत है | आयें शपथ  ले और कदम से कदम मिलाकर  अपनी आन्दोलन को ध्वनि प्रदान करें |

साथियों ....एक सजक सैनिक देश की रक्षा करता है | जो सो गया , वह खोने के लिए तैयार रहे | लोको पायलटो जागो ...जागो और ...जागो , अभी भी वक्त है |  अपने अधिकार को जानो , अन्यथा आप के हाथो में कुछ नहीं बचेगा |
       
( चित्र में -  कॉम .एम्.एन.प्रसाद जी सेक्रेटरी जनरल / ऐलरसा / सम्पूर्ण इण्डिया ..जंतर - मंतर पर पायलटो को  संबोधित करते हुए .दिनांक -०८.०४.२०१३.   )                                                                                     

Saturday, April 6, 2013

माल गाडी से एक्सप्रेस ट्रेन की टक्कर |

पूरी - दुर्ग एक्सप्रेस ट्रेन की माल गाडी से टक्कर | अधिकारियो की टीम घटना स्थल पर रवाना हुयी है | यह पटिया और बरंग स्टेशन  के बीच की घटना है , जो भुवनेश्वर  से पांच किलो मीटर दूर है | यह घटना करीब ०८.३० बजे शाम की है | यात्रियों को किसी तरह की नुकशान नहीं हुयी क्यूंकि एक्सप्रेस ट्रेन पटिया से रवाना हुयी थी और अभी गति शील नहीं थी |
 अभी तक इस दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चला है   | माल गाडी खड़ी थी या दुसरे लाईन पर थी ? प्राथमिक जानकारी के मद्देनजर यह कहा जा रहा है की दुर्घटना सिगनल में खराबी की वजह से हुयी है | 

 Chief Public Relations Officer of ECoR R N Mohapatra  ने बताया की ट्रक को सुरक्षित और फ्री  करने का कार्य जोरो पर है , जिससे की ट्रनो की आवाजाही में कोई दिक्कत न हो | नयी दिल्ली , कोलकाता और बहुत से दक्षिण को जाने वाली गाडियों के गति  में विराम लग गया है | इ.सी.ओ.आर.स्रोत के मुताबिक - माल गाडी के क्लियर होने के १५ मिनट बाद ही पूरी-दुर्ग एक्सप्रेस को लाईनक्लियर दिया गया था | यद्दपि एक्सप्रेस ट्रेन  धीमी गति से आगे बढ़ रही थी और  कार्गो बरंग को पहुँच गयी थी |

 माल गाडी ट्रक पर ही खड़ी हो गयी थी  | एक्सप्रेस लोको पायलट की नजर पड़ते ही  , इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाडी को  खड़ी की , जिससे सघन दुर्घटना टल गयी | किसी यात्री के दुर्घटना ग्रस्त होने की खबर नहीं है | टक्कर की वजह से मालगाड़ी के तीन डब्बे पटरी से उतर गएँ  और अप लाईन बाधित हो गयी है | दुर्घटना के जाँच की आदेश दे दिए गएँ है | कोलकाता और चेन्नई के व्यस्त रूट पर ट्रेनों के आवाजाही पर विघ्न आ गयी है |पूरी-दुर्ग एक्सप्रेस को वापस भुवनेश्वर लाया गया और यह एक्सप्रेस ट्रेन विज़ियानगरम और तितिलागढ़ के रूट से गंतव्य को रवाना  किया गया | इसी रस्ते से पूरी - अहमदाबाद और पूरी - हरिद्वार को भी भेजा गया | पूरी - शालीमार तथा पूरी - दीघा गरीब रथ रद्द की गयी | राउरकेला -पूरी पैसेंजर को कटक तक टर्मिनेट किया गया |

इस दुर्घटना की वजह से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा है , क्यूँ की बहुत सी गाड़िया समय से लेट या टरमिनेट  हो गयीं | -हावड़ा- हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस .,चेन्नई -हावड़ा मेल , विश्खापत्तनम -शालीमार एक्सप्रेस ,पूरी - हावड़ा एक्सप्रेस ,हावड़ा - भुवनेश्वर जन शताव्दी ,हावड़ा - प्रशांति निलयम एक्सप्रेस ,और यस्वन्तपुर-हावड़ा  एक्सप्रेस को कई स्टेशनों  पर घंटो रुकना पड़ा | पूरी-हावड़ा और पूरी - न्यू डेल्ही के समय में बदलाव करने पड़े | 



 



Friday, March 29, 2013

नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल , रेलवे और आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन

रेलवे में कई ट्रेड उनियंस है , पर लोको पायलटो के प्रति सभी की  रवैया  संदेहास्पद रही है | किसी ने भी इनकी मांगो को गंभीरता और सकारात्मक रूप में नहीं लिया है | हार  - कर लोको पायलटो को अपनी अलग यूनियन बनानी पड़ी | जिसका नाम  आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन है | यह असोसिएसन ईमानदारी से लोको पायलटो के हित की बाते करती है | लोको पायलटो के मांगो को आकार देने के लिए , हमेशा ही आन्दोलन , धरना , ज्ञापन और संबैधानिक तरीके को अपनाया है |

प्रत्येक पे- कमीशन के दौरान लोको पायलटो के हितो हो नजर अंदाज किया गया | इन्हें दो प्रमुख ट्रेड यूनियन की मदद से , इनके वेतन को  निम्न से निम्न स्तर पर  निर्धारित किये गए | इन्होने हमारे ग्रेड को डिग्रेड कर दिया | नतीजतन हमारी लडाई जारी रही | इसी का नतीजा है कि लेबर मिनिस्ट्री ने हमारी मांगो को   निर्णायक न्याय दिलाने के लिए नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल का गठन किया | जो अपने आप में एक ऐतिहासिक निर्णय और घटना है | ये सब ऐलरसा के अनवरत आन्दोलन के परिणाम है |

दोस्तों आज - तक इस ट्रिब्यूनल में घटित घटनाओ की संक्षेप विवरण यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ --

नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल / मुंबई |
२७.०१.२०१२.
 श्रम मंत्रालय / न्यू दिल्ली ने हमारे केश को नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल / मुंबई को सुपुर्द                             किया और अवकाश प्राप्त जज श्री गौरी शंकर श्राफ को इस ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष नियुक्त   किया | यह एक ऐतिहासिक घटना थी |

१९.०२.२०१२
 आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन की वैठक कल्याण में आयोजित की गयी   और मांगो की विस्तृत प्रक्रिया को रूप देने का कार्य शुरू हो गया |

२५.०४.२०१२
 नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल की पहली वैठक , जिसमे आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ  असोसिएसन की तरफ से कॉम एम्.एन.प्रसाद,एल.मोनी ,के.सी.जेम्स ,एम्.एम्.रोल्ली , आर  मुरली ,दी.एस.कोपरकर ,बडगुजर शामिल हुए | रेलवे अनुपस्थित रहा | जज ने अगली वैठक  ३१.०५.२०१२ को निश्चित की |

३१.०५.२०१२
 आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन की केन्द्रीय कमिटी ने अपने मांग की सूचि जज   के समक्ष जमा किये | इस दिन भी रेलवे गैरहाजिर रहा |

०२.०७.२०१२
 ऐलरसा का केन्द्रीय कमिटी ने  एडवोकेट टी.सी.गोविन्द स्वामी के नेत्रित्व में   अपनी  affidavit को जमा किए |  इस दिन भी रेलवे ने भाग नहीं लिया |

०६.०८.२०१२
 रेलवे एडवोकेट उपस्थित हुआ | ऐलरसा ने अपने पक्ष को रखा | रेलवे ने समय की मांग की |

२१.०८.२०१२
कॉम एम्.एन.प्रसाद उपस्थित हुए | जज साहब छुट्टी पर थे | अतः अगली  सुनवाई  की तारीख  १८.०९.२०१२ को तय की गयी |

१८.०९.२०१२
 कॉम एम्.एन.प्रसाद शामिल हुए |रेलवे का वकील दो महीने का समय माँगा |न्यायाधीश साहब ने रेलवे को ८ अक्टूबर २०१२ तक का समय निर्धारित किया |

०८.१०.२०१२
रेलवे का वकील शामिल नहीं हुआ क्यूँ की उसकी माँ की हालत नाजुक थी और वह हॉस्पिटल में  भारती है | अन्य वकील शामिल हुआ जिसे पूरी केश मालूम नहीं थी और  एक बार फिर समय की मांग रखी | अगली वैठक की तिथि ०५.११.२०१२ को तय की गयी |

०५.११.२०१२
इस बार जज साहब उपस्थित नहीं हुए | अगली वैठक २६.११.२०१२ को तय हुयी |

२६.११.२०१२
 जज साहब ने ex-prate की निश्चय लिया | रेलवे की आनाकानी शुरू हुयी | पंक्षी हाथ से उडता  नजर आया | रेलवे ने कार्यवाही में मदद की सक्रियता  जताई | जज ने ऐलरसा के ऊपर निश्चय  छोड़ दिया |  कॉम कोपरकर साहब ने पूरी निर्णय लेने में अपनी असहमति  जताई |  क्योकि कॉम  एम्.एन.प्रसाद जी की अनुपस्थिति में निर्णय करना गलत होगा | अगली तारीख ०७.०१.२०१३  निर्धारित |

०५/०६.०१.२०१३
ऐलरसा के केन्द्रीय कार्यकारिणी की वैठक कल्याण में आयोजित हुयी | इसमे अगली आन्दोलन और नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के परिणामो पर चर्चा हुयी | 

०७.०१.२०१३
ऐलरसा ने जज साहब से ex-prate का निर्णय लेने का अनुरोध किया क्योकि रेलवे अपनी  आदत से वाज नहीं आने वाला | कोई निर्णय नहीं हो पाया | अगली वैठक २१.०१.२०१३ को निश्चित हुयी | 

२१.०१.२०१३
ऐलरसा और  रेलवे का वकील भी भाग लिया | जज साहब ने ex-prate निर्णय को अलग रखते हुए  रेलवे को और समय देने की निर्णय जाहिर की  वशर्ते रेलवे  ४०००/- रुपये जुरमाना भरे और बिना देर किये अपने लिखित  जबाब  दिनांक -११.०३.२०१३ को  अगली सुनवाई के दौरान  जमा कराये | 

११.०३.२०१३
.रेलवे ने करार के मुताबिक रुपये  ४०००/-का चेक और अपनी जबाब को जमा किया |इस तरह से  एक लम्बी लूकाछिपी का खेल , एक किनारे पर पहुंचा | अब अगली सुनवाई दिनांक -१८.०४.२०१३ से चालू होगी | देखना है ऊंट किस करवट बैठता है |

लोको पायलटो की एकता जिंदाबाद |
 काम करते रहो और लड़ते रहो |
 सदैव चलाना ही जिंदगी है |