Friday, March 29, 2013

नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल , रेलवे और आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन

रेलवे में कई ट्रेड उनियंस है , पर लोको पायलटो के प्रति सभी की  रवैया  संदेहास्पद रही है | किसी ने भी इनकी मांगो को गंभीरता और सकारात्मक रूप में नहीं लिया है | हार  - कर लोको पायलटो को अपनी अलग यूनियन बनानी पड़ी | जिसका नाम  आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन है | यह असोसिएसन ईमानदारी से लोको पायलटो के हित की बाते करती है | लोको पायलटो के मांगो को आकार देने के लिए , हमेशा ही आन्दोलन , धरना , ज्ञापन और संबैधानिक तरीके को अपनाया है |

प्रत्येक पे- कमीशन के दौरान लोको पायलटो के हितो हो नजर अंदाज किया गया | इन्हें दो प्रमुख ट्रेड यूनियन की मदद से , इनके वेतन को  निम्न से निम्न स्तर पर  निर्धारित किये गए | इन्होने हमारे ग्रेड को डिग्रेड कर दिया | नतीजतन हमारी लडाई जारी रही | इसी का नतीजा है कि लेबर मिनिस्ट्री ने हमारी मांगो को   निर्णायक न्याय दिलाने के लिए नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल का गठन किया | जो अपने आप में एक ऐतिहासिक निर्णय और घटना है | ये सब ऐलरसा के अनवरत आन्दोलन के परिणाम है |

दोस्तों आज - तक इस ट्रिब्यूनल में घटित घटनाओ की संक्षेप विवरण यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ --

नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल / मुंबई |
२७.०१.२०१२.
 श्रम मंत्रालय / न्यू दिल्ली ने हमारे केश को नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल / मुंबई को सुपुर्द                             किया और अवकाश प्राप्त जज श्री गौरी शंकर श्राफ को इस ट्रिब्यूनल का अध्यक्ष नियुक्त   किया | यह एक ऐतिहासिक घटना थी |

१९.०२.२०१२
 आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन की वैठक कल्याण में आयोजित की गयी   और मांगो की विस्तृत प्रक्रिया को रूप देने का कार्य शुरू हो गया |

२५.०४.२०१२
 नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल की पहली वैठक , जिसमे आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ  असोसिएसन की तरफ से कॉम एम्.एन.प्रसाद,एल.मोनी ,के.सी.जेम्स ,एम्.एम्.रोल्ली , आर  मुरली ,दी.एस.कोपरकर ,बडगुजर शामिल हुए | रेलवे अनुपस्थित रहा | जज ने अगली वैठक  ३१.०५.२०१२ को निश्चित की |

३१.०५.२०१२
 आल इण्डिया लोको रनिंग स्टाफ असोसिएसन की केन्द्रीय कमिटी ने अपने मांग की सूचि जज   के समक्ष जमा किये | इस दिन भी रेलवे गैरहाजिर रहा |

०२.०७.२०१२
 ऐलरसा का केन्द्रीय कमिटी ने  एडवोकेट टी.सी.गोविन्द स्वामी के नेत्रित्व में   अपनी  affidavit को जमा किए |  इस दिन भी रेलवे ने भाग नहीं लिया |

०६.०८.२०१२
 रेलवे एडवोकेट उपस्थित हुआ | ऐलरसा ने अपने पक्ष को रखा | रेलवे ने समय की मांग की |

२१.०८.२०१२
कॉम एम्.एन.प्रसाद उपस्थित हुए | जज साहब छुट्टी पर थे | अतः अगली  सुनवाई  की तारीख  १८.०९.२०१२ को तय की गयी |

१८.०९.२०१२
 कॉम एम्.एन.प्रसाद शामिल हुए |रेलवे का वकील दो महीने का समय माँगा |न्यायाधीश साहब ने रेलवे को ८ अक्टूबर २०१२ तक का समय निर्धारित किया |

०८.१०.२०१२
रेलवे का वकील शामिल नहीं हुआ क्यूँ की उसकी माँ की हालत नाजुक थी और वह हॉस्पिटल में  भारती है | अन्य वकील शामिल हुआ जिसे पूरी केश मालूम नहीं थी और  एक बार फिर समय की मांग रखी | अगली वैठक की तिथि ०५.११.२०१२ को तय की गयी |

०५.११.२०१२
इस बार जज साहब उपस्थित नहीं हुए | अगली वैठक २६.११.२०१२ को तय हुयी |

२६.११.२०१२
 जज साहब ने ex-prate की निश्चय लिया | रेलवे की आनाकानी शुरू हुयी | पंक्षी हाथ से उडता  नजर आया | रेलवे ने कार्यवाही में मदद की सक्रियता  जताई | जज ने ऐलरसा के ऊपर निश्चय  छोड़ दिया |  कॉम कोपरकर साहब ने पूरी निर्णय लेने में अपनी असहमति  जताई |  क्योकि कॉम  एम्.एन.प्रसाद जी की अनुपस्थिति में निर्णय करना गलत होगा | अगली तारीख ०७.०१.२०१३  निर्धारित |

०५/०६.०१.२०१३
ऐलरसा के केन्द्रीय कार्यकारिणी की वैठक कल्याण में आयोजित हुयी | इसमे अगली आन्दोलन और नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के परिणामो पर चर्चा हुयी | 

०७.०१.२०१३
ऐलरसा ने जज साहब से ex-prate का निर्णय लेने का अनुरोध किया क्योकि रेलवे अपनी  आदत से वाज नहीं आने वाला | कोई निर्णय नहीं हो पाया | अगली वैठक २१.०१.२०१३ को निश्चित हुयी | 

२१.०१.२०१३
ऐलरसा और  रेलवे का वकील भी भाग लिया | जज साहब ने ex-prate निर्णय को अलग रखते हुए  रेलवे को और समय देने की निर्णय जाहिर की  वशर्ते रेलवे  ४०००/- रुपये जुरमाना भरे और बिना देर किये अपने लिखित  जबाब  दिनांक -११.०३.२०१३ को  अगली सुनवाई के दौरान  जमा कराये | 

११.०३.२०१३
.रेलवे ने करार के मुताबिक रुपये  ४०००/-का चेक और अपनी जबाब को जमा किया |इस तरह से  एक लम्बी लूकाछिपी का खेल , एक किनारे पर पहुंचा | अब अगली सुनवाई दिनांक -१८.०४.२०१३ से चालू होगी | देखना है ऊंट किस करवट बैठता है |

लोको पायलटो की एकता जिंदाबाद |
 काम करते रहो और लड़ते रहो |
 सदैव चलाना ही जिंदगी है |
                        


                        

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