Wednesday, April 17, 2013

आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएसन तथा आल इंडिया गार्ड काउन्सिल का रेलवे के यूनियन के मान्यता के चुनाव से बहिष्कार |


ज्वाइंट एक्शन कमेटी

सभी रेल कर्मचारी और साथियों , रनिंग स्टॉफ (गार्ड एवं लोको पायलट) के साथ साथ रेल्वे की यूनियन की मान्यता के चुनाव का बहिस्कार करें। क्यों कि कोई भी संगठन जो मान्यता के चुनाव मे खड़ा है वह मान्यता के चुनाव मे जीतकर आने के बाद भी कर्मचारियों के हित मे हड़ताल नही कर सकता। ऐसा रेल्वे ने इन से लिखकर ले लिया है। इसका विरोध चुनाव लड़ने वाले सभी संगठनों को करना चाहिये था, लेकिन इन्होने ऐसा नही किया। इसमे इनके मजदूर मसीहाओं का स्वार्थ है। साथियों वोट डालने से पहले कृपया निम्न बिंदुओं पर विचार करें: -
1.रेलवे  कर्मचारियों के सेफ्टी वी. आर. एस. स्कीम मे किसी भी रेल्वे कर्मचारी का बच्चा फिट नही बैठ रहा है, जिससे वह नौकरी मे नही लग पा रहा है। सेफ्टी कटेगरी सेफ्टी स्वेच्छा सेवानिवृत्ति के लिये शर्त लोकोपायलट उम्र 55 से 57 वर्ष एवं 33 साल की सेवा तथा अन्य के लिये उम्र 50 से 57 वर्ष एवं 20 साल की सेवा तथा ग्रेड  पे 1800 से 1900 ही होना चाहिये इससे ज्यादा नही। अभी मान्य दोनो संगठनो ने दोनो की शर्त एक जैसी क्यों नही करवायी?
 २. यूनियन की मान्यता के वोट लेने के लिये यह प्रलोभन दिया जा रहा है कि सभी रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दी जायेगी। यह संभव नही है क्यों कि दोनो संगठन ठेकेदारी प्रथा को रोक नही पा रहे है बल्कि ठेका मजदूर यूनियन चला रहे हैं।

3.     वाणिज्य (Commercial) विभाग मे रिजर्वेशन साधारण टिकिट का कार्य प्रायवेट एजेंटों को दिया जा रहा है। MOH, POH मे अधिकतर कार्य (रिपेयरिंग, असेंबली) ठेके पर दिये जा रहे हैं। रनिंग स्टॉफ के रनिंग रूम, CMS पर बुकिंग आदि कार्य ठेके पर दिये जा चुके हैं। इंजीनियरिंग के कार्य, सफाई कार्य, पेंट्रीकार, एस. एल. आर. सभी ठेके पर चल रहे हैं।

4.     रनिंग कर्मचारी विरोधी RAC-2002 की रिपोर्ट दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर बनाई गई थी जो रनिंग स्टॉफ की एकता एवं जबर्दस्त विरोध के कारण लागू नही हो पायी।

5.     माइलेज का फार्मूला 6 वें वेतन आयोग के बाद दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से समाप्त करने की साजिश रची गई तथा माइलेज सिर्फ दो गुना किया गया जब कि यात्रा भत्ता मे तीन गुने से भी ज्यादा की वृद्धि हुई।

6.     दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो की वजह से 30% वेतन तत्व खत्म करने की साजिश रची गई।

7.     दिनांक 25.03.2013 को एक नयी रनिंग एलाउंस कमेटी बनायी गई ताकि 30% वेतन तत्व, 55% रिटायर्मेंट सुविधा को कम किया जा सके। अभी तक जितनी भी कमेटियां बनायी गई उन्होने रनिंग कर्मचारियों का नुकसान ही किया है जब कि कमेटी कर्मचारियों के फायदे के लिये बनायी जाती हैं।

8.     रनिंग स्टॉफ के संघर्ष के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने नेशनल इंडस्ट्रियल ट्रिब्युनल (NIT) का गठन किया जिसका दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो ने विरोध किया।

9.     रनिंग स्टॉफ के मेडिकल अनफिट स्टॉफ को दूसरे विभाग मे नियुक्ति देने पर दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा विरोध किया जाता है।

10.                        रेल्वे बोर्ड का पत्र क्र. 142/2012 मे MACPS के लिये अगले ग्रेड पे को नही दिये जाने का उल्लेख है, जब कि माननीय CAT, अर्नाकुलम बेंच ने अगले ग्रेड पे दिये जाने का आदेश दिया है। दोनो मान्यता प्राप्त संगठनो द्वारा इस पत्र का विरोध नही किया गया जब कि अन्य विभागों एकाउंट, मेडिकल के कर्मचारी अगला ग्रेड पे ले रहे हैं।
11.                        दिनांक 12.06.2012 के सदस्य यांत्रिक के SPAD रोकने के बारे मे दिये गये निर्देशों को अभी तक लागू क्यों नही कराया जा सका?

12.                        रनिंग स्टॉफ को अभी तक इंटेंसिव कटेगरी मे क्यों घोषित नही कराया जा सका जब कि श्रम मंत्रालय ने इंटेंसिव कटेगरी मे घोषित करने का आदेश दिया है?

13.                        रेल्वे मे लाखों पद खाली पड़े हैं उन्हे भरवाने मे नाकाम रहकर रेल कर्मचारियों के बच्चों को नौकरी दिलाने के वादे कैसे किये जा रहे हैं?
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14.                        ट्रैकमैन के लिये रेल्वे बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है कि वह किसी भी विभागीय परीक्षा मे भाग नही ले सकता, इस आदेश का विरोध क्यों नही किया गया?

15.                        न्यू पेंशन स्कीम 2004 से लागू है 13 वर्षों मे इसे बन्द क्यों नही करा पाये जब कि उस कमेटी मे JCM के दो सदस्य हैं।

16.                        रनिंग स्टॉफ पैसे की लड़ाई नही लड़ता बल्कि अपने आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ता है।

साथियों पुरानी एक कहानी यहां सच साबित होती है कि एक ट्रक भरकर कुल्हाड़ियां जा रही थी जिससे सारा जंगल डर गया। लेकिन एक बूढा पेड़ बोला, डरने की जरूरत नही है जबतक हममे से कोई गद्दार लकड़ी का डण्डा कुल्हाड़ी मे नही लगेगा कोई हमारा कुछ नही बिगाड़ सकता। तो साथियों गद्दारों को पहचानिये और मजदूर विरोधी मतदान का विरोध करिये, ऐसा आव्हान ज्वाइंट एक्शन कमेटी (AILRSA एवं AIGC) करती है       
( कॉम.गिरिराज शर्मा / कोटा ने इ - मेल द्वारा भेजी है ) 
                   
                                                                                         

1 comment:

  1. बढ़िया जानकारी |

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